उत्तर प्रदेश

AMU के पूर्व छात्र नेता का सवाल, क्या योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपति कोविंद के पैर छू सकते हैं?

अलीगढ़: पुरी मेें भगवान जगन्नाथ मंदिर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ जो कुछ भी हुआ वह आज के भारत की शर्मनाक तस्वीर पेश करता है। सवाल उठने बेहद लाजमी है कि जब भारत की तीनों सेनाओं के मुखिया के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी की क्या बिसात। दलितों के खिलाफ हिंसा के जो भी मामले पूरे देश में आ रहे हैं इस खबर से उन घटनाओं पर पड़ी धूल भी हटने लगी है। जगन्नाथ मंदिर में राष्ट्रपति कोविंद से हुयी धक्का-मुक्की की ख़बरों के बीच सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खुल गया है | लोग राष्ट्रपति से हुई धक्का मुक्की को देश में दलितों के अपमान से जोड़ रहे हैं | दरअसल खबर आई कि गत 18 मार्च को को राष्ट्रपति के उड़ीसा दौरे के समय जगन्नाथ मंदिर में कुछ मंदिर के कर्मियों ने धक्का मुक्की की थी | जिसको लेकर राष्ट्रपति भवन ने सख्त रुख अपनाया है | अब यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने से तरह तरह के सवाल उठने लगे हैं |

इसी मुद्दे पर अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष नदीम अंसारी ने एक फेसबुक पोस्ट डाला है जिसमे सीएम योगी से सवाल किया गया है | “असहिष्णुता का ताजा उदाहरण : राष्ट्रपति को मंदिर में घुसने नही देते। क्यों? क्योंकि वह एक दलित है? देश के इतिहास में राष्ट्रपति की इतनी बेज़्ज़ती कभी नही हुई। क्या इतिहास के जानकार इस पे कोई टिप्पणी करेंगे? माननीय मुख्यमंत्री जी दलितों के लिए अमुवि ओर जामिया में आरक्षण मांग रहे हैं। भाजपा ने सिर्फ दलितों को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। क्या योगी जी राष्ट्र्पति के चरण छू सकते है ?

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