आशीष सिंह विक्रम, रायबरेली ब्यूरो: यदि किसी को देखना हो कि सरकारी धन का दुरुपयोग कैसे होता है तो उसे डलमऊ नगर पंचायत की कार्यशैली देखनी चाहिए। डलमऊ नगर पंचायत द्वारा निर्मित बद्रीनारायण गिरि मार्ग को स्वामी देवेंद्रा नारायण गिरि द्वारा उनके चेले रामचेतन और मठ के अध्यापक सुधाकर की उपस्थिति में उखाड़ दिया गया। इस बात को बीते 48 घंटे से ज्यादा हो गये लेकिन सड़क उखाड़ने के आरोपी के खिलाफ ना नगर पंचायत के जिम्मेदार लिखित शिकायत कर पाये ना कानूनी। हालांकि नगर पंचायत की EO आरती श्रीवास्तव ने ढुलमुल रवैया अपनाते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाकर अपनी इतिश्री कर ली। लेकिन इस राजकीय बजट से बनी सड़क का क्या होगा जिसे स्वामी जी ने उखाड़कर अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने का प्रयत्न किया, यह तो गनीमत है कि नगर पंचायत डलमऊ के सभासदों ने आकर विरोध किया उसके बावजूद नगर पंचायत के जिम्मेदार सांठ-गांठ योजना के तहत मौन धारण किये हुए हैं।
नीचे वीडियो में सड़क उखड़वाते स्वामी रामचेतन
सवालों के घेरे में नगर पंचायत
16 मई 2024 को जिस वक्त रात में देवेंद्रानारायण गिरि के आदेश का पालन करते हुए रामचेतन और सुधाकर सड़क को 30-35 लोगों के साथ उखड़वा रहे थे और स्थानीय नागरिकों एवं सभासदों द्वारा विरोध करने पर बोले कि नगर पंचायत अध्यक्ष जी से उनकी बात हुई है और मौजूद सभासदों ने बोला कि अध्यक्ष ब्रजेश दत्त गौर से उनकी बात करवाओ, हालांकि बात होने पर अध्यक्ष ने ऐसी किसी सहमति से इंकार करते हुए कानूनी कार्यवाही करने की बात की। लेकिन फिर भी सवाल उठता है कि सरकारी सड़क को उखाड़ने की हिम्मत कैस की वह भी योगी सरकार मे।
नामजद FIR क्यों नहीं, क्यों आरोपियों को बचा रही नगर पंचायत
ऊपर वीडियो में स्वामी रामचेतन सड़क उखड़वाते दिख रहे हैं लेकिन फिर भी FIR में रामचेतन का नाम ना होने की बजाय लिखा गया अज्ञात लोग। इस बारे में अधिशाषी अधिकारी आरती श्रीवास्तव का कहना है उन्होंने ऐसा कोई वीडियो नहीं देखा यह वही वीडियो है जो डलमऊ के हर आदमी के मोबाइल में है और तो और पुलिस ने भी उन्हें मौके पर सड़क उखाड़ते पकड़ा और नाम पूछा। आखिर क्यों इतनी दरियादिली स्वामी रामचेतन पर कैसी सांठ गांठ है यह।