उत्तर प्रदेश

अदिति की खामोशी से रायबरेली में सियासत बदली, अदिति के तेवर से लखनऊ तक हलचल

Raebareli Bureau: भाजपा के लिए लोकसभा का चुनाव अग्नि परीक्षा सरीखा है। पार्टी ने राज्यमंत्री दिनेश सिंह पर दूसरी बार दांव लगाया है। वहीं भाजपा की सदर विधायक अदिति सिंह ने जिस तरह खामोशी और चुनाव से दूरी बना रखी है, उससे सियासी हलकों में भी बेचैनी है।

सदर विधानसभा में अदिति सिंह की राजनीतिक जमीन मजबूत है। ऐसे में भाजपा के लिए वह एक मजबूत कड़ी हैं। उनके चुनाव से दूर रहने से भाजपा का थिंकटैंक खुलकर कुछ कह तो नहीं रहा है लेकिन भीतरखाने वह भी परेशान है। वहीं एक्स पर उनकी पोस्ट से सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। हालांकि शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह के चुनावी सभा में विधायक अदिति सिंह अपनी मां वैशाली सिंह के साथ शिरकत की, लेकिन वह पूरी तरह से चुप्पी साध रखी।

सदर विधायक अदिति सिंह भाजपा से विधायक उस दौर में हैं, जब जिले की छह विधानसभा में चार पर सपा का कब्जा है। सपा के बेहतर सियासी समीकरण के बावजूद सदर की महत्वपूर्ण सीट पर अदिति सिंह भाजपा का दबदबा बनाए हुए हैं।
लोकसभा के चुनावी महासमर में रायबरेली लोकसभा सीट की पांच विधानसभाओं में सदर विधानसभा का बहुत महत्व है। इस विधानसभा में कांग्रेस हमेशा से हर चुनाव में बड़ी लीड लेती रही है। ऐसे में भाजपा के लिए यह विधानसभा क्षेत्र बहुत मायने रखता है।

भाजपा के रणनीतिकार भी इस विधानसभा क्षेत्र में हर हाल में लीड लेना चाहते हैं। ऐसे केवल सदर विधायक अदिति सिंह की रणनीति को मैदान में उतराने पर होगा, लेकिन सदर विधायक की खामोशी एक सवाल सरीखी है। अभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उनकी पोस्ट उसूलों के साथ समझौता नहीं ने खलबली मचा दी है।

रविवार को जीआईसी मैदान में भाजपा की जनसभा में सदर विधायक अदिति सिंह अपनी मां एवं अमावां ब्लॉक प्रमुख वैशाली सिंह के साथ पहुंची। दोपहर करीब एक बजे वह जनसभा स्थल पर पहुंची। इस दौरान सबसे खास बात यह रही कि वहां बैठे पदाधिकारी उस गर्मजोशी से सदर विधायक से नहीं मिले।

एक-दो नेताओं ने ही उनका हालचाल लिया। वहीं गौर करने वाली बात यह रही कि मंच से संबोधन भी सदर विधायक ने नहीं किया और न ही इसके लिए उनसे कहा गया। प्रदेश की मंत्री प्रतिभा शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष सहित बड़े नेता मंच पर दिखे, लेकिन किसी ने विधायक अदिति सिंह ने कुछ भी बात करने की जरूरत नहीं समझी।

हालांकि जब गृहमंत्री अमित शाह मंच में पहुंचे तो उन्होंने अदिति सिंह का नाम पहले लिया। इससे साफ रहा कि भाजपा हाईकमान की निगाह में अदिति सिंह का कद बना हुआ है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के रणनीतिकार अदिति को सलाह मशविरा करना चाहते हैं, लेकिन कुछ कारण ऐसे भी हैं, जिनसे रणनीतिकार भी अपने अपने पैर पीछे हटाने को मजबूर होते हैं।

माना जा रहा है कि दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से अदिति नाराज बताई जा रही हैं। रायबरेली सीट से विधायक अदिति सिंह अब तक लोकसभा चुनाव के मैदान में दिनेश सिंह के मंच पर नहीं दिखी हैं। इसको लेकर लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। लेकिन, अब अदिति सिंह के ट्वीट ने दोनों परिवारों के बीच की पुरानी अदावत को एक बार फिर जमीन पर ला दिया है। हालांकि, अदिति सिंह भाजपा का समर्थन करती और पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों और भाषणों को रीपोस्ट करती दिख रही हैं।

 

 

द फ्रीडम स्टॉफ
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