इखलास याटू, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। राजौरी में एक सरकारी कर्मचारी की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या से घाटी दहल उठी। खास बात यह है कि जिस शख्स की आतंकियों ने हत्या की है, उसके पिता की भी 19 साल पहले इसी तरह हत्या हुई थी। अपने पिता की हत्या के बाद गुज्जर समुदाय के इस शख्स को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त मिली थी। घटना उस समय हुई, जब शख्स मोहम्मद रज्जाक थानामंडी में उसके घर के पास मौजूद था। पुलिस ने आतंकियों की तलाश तेज कर दी है।
पुलिस ने कहा, ‘मोहम्मद रज़ाक (40) को आतंकवादियों ने गोली मार दी। घटना तब हुई, जब वह अपने भाई मोहम्मद ताहिर चौधरी के साथ थानामंडी पुलिस थाने के तहत कुंडा टॉप गांव में एक मस्जिद से बाहर आया था। एक प्रादेशिक सेना के जवान ताहिर चौधरी को भी आतंकवादियों का निशाना था, लेकिन वह उनकी गोलियों से बच निकले।
पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया है। पुलिस ने कहा कि रज्जाक के पिता, समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी मोहम्मद अकबर की उसी गांव में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। यह घटना 17 अप्रैल को अनंतनाग में एक और लक्षित हत्या के बाद हुई है, जब अज्ञात आतंकवादियों ने बिहार के राजू शाह के रूप में पहचाने जाने वाले एक प्रवासी श्रमिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पुलिस ने कहा कि हो सकता है कि निशाने पर ताहिर हो लेकिन गोली उसके भाई को लग गई। उन्होंने बताया कि वाहनों की गहन जांच की जा रही है और जिले में विभिन्न चौकियों पर लोगों की तलाशी ली जा रही है। हत्यारे आंतकियों के खिलाफ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में धारा 302, 120ए, 121बी, 122, 458, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने दावा किया कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के अबू हमजा रज्जाक की हत्या में शामिल है। अबू हमजा का नाम असली नहीं है। वह एक विदेशी आतंकवादी है। पुलिस ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की। इस बीच, ग्रामीणों ने क्षेत्र के कोपरा में सैन्य चौकी बहाल करने की मांग की, जो 2010 तक वहां स्थापित थी, लेकिन बाद में हटा दी गई थी।