कन्नौज: उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा अचानक चर्चा में आ गई है। समाजवादी पार्टी के मु्खिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) खुद यहां से लोकसभा के समर में उतर गए हैं। अखिलेश ने बिल्कुल ऐन समय पर यह फैसला लिया, जिसके बाद बीजेपी के मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) ने बयानों का तीर चलाना शुरू कर दिया है। सुब्रत के भारत-पाकिस्तान मैच वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने बीजेपी सांसद को पागलखाने भेजने की बात कही है।
सपा के सीनियर नेता और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, ‘कन्नौज अब भी सपा का ही गढ़ है। वो जो जीत गया, उसकी पहली और आखिरी जीत थी। उनके दिमाग का बोल्ट ढीला हो गया है। फितूर हो गया है। अगर वह भारत और पाकिस्तान की बात कर रहे हैं तो उसे पागलखाने भेजना चाहिए। जो आदमी पागल है, वह चुनाव नहीं लड़ सकता है।’
गौरतलब है कि बीजेपी सांसद सुब्रत ने अखिलेश के खुद चुनाव मैदान में उतरने की तुलना भारत और पाकिस्तान के मुकाबले से की थी। भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने दावा किया कि अगर अखिलेश यादव चुनाव मैदान में नहीं उतरते तो विपक्षी उम्मीदवार की जमानत भी नहीं बचती। अब वह खुद चुनावी मैदान में उतर गए हैं तो मुकाबला दिलचस्प होगा। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी को घमंड था कि हम किसी को भेज देंगे और वह सुब्रत पाठक को हरा देगा। उनका घमंड टूट गया।
सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर कहा कि 2019 में हमने उनकी पत्नी डिंपल यादव को चुनाव हरा दिया था। अखिलेश का गांव सैफई भी नजदीक ही है। बात वहां तक पहुंच गई। उन्होने समझाते हुए कहा कि देखिए, किसी भी परिवार में पत्नी को आगे बढ़ाया जाता है तो प्रतिष्ठा अधिक जुड़ती है। घर-परिवार में इसकी चर्चा होती है। पत्नी की हार से उन्हें काफी दुख हुआ होगा। चोट दिल पर लगी होगी। इसी कारण वे चुनावी मैदान में उतरे हैं। कोई और बात नहीं है। उन्होंने सोचा होगा, जब डिंपल ही हार गईं तो लड़ने वाला और कौन बचा है।