दुनिया भर में कोरोना चीन के वुहान में जानवरों के बाजार में बिक रहे रैकून डॉग्स से फैला। इस बात के तगड़े संकेत कुछ नए जेनेटिक सबूतों में मिले हैं।
लेकिन इस थ्योरी को पुख्ता करना अब असंभव हो गया है, क्योंकि जिस जेनेटिक डेटा के आधार पर ये एनालिसिस किया गया, उसे शेयर करने के कुछ ही दिनों बाद चीन ने हटा लिया है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने भी चीन को इस बात के लिए फटकारा है कि इस डेटा का खुलासा 3 साल पहले क्यों नहीं किया गया, और अब इस डेटा को क्यों हटा दिया गया है।
रोचक ये है कि वुहान के एनिमल मार्केट से कोरोना के ओरिजिन को जोड़ने वाला ये जेनेटिक डेटा उस समय सामने आया जब अमेरिका में एक बार फिर ये बात जोर पकड़ने लगी थी कि कोरोना वायरस वुहान की वायरोलॉजी लैब में बना और एक एक्सीडेंट में लीक हो गया।
ये नया जेनेटिक डेटा वुहान के हुनान सी-फूड होलसेल मार्केट से जनवरी, 2020 में लिए गए स्वाब के नमूनों से आया है। इस बाजार को चीनी सरकार ने शुरुआती दौर में शक के आधार पर बंद करा दिया था।
जिस समय ये स्वाब के नमूने लिए गए उस समय मार्केट में कोई जानवर मौजूद नहीं था, लेकिन वैज्ञानिकों ने बाजार की दीवारों, स्टॉल्स और पिंजरों से स्वाब के नमूने लिए थे।
इन्हीं में से एक नमूना रैकून डॉग का है जिसमें कोरोना वायरस के भी जेनेटिक हिस्से मिले हैं। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ इतने डेटा के आधार पर ये पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस इंसानों में रैकून डॉग्स से फैला।
हो सकता है कि ये रैकून डॉग्स वायरस से संक्रमित हों लेकिन इंसानों को ये वायरस उनसे नहीं, बल्कि उनसे संक्रमित हुए किसी और जानवर से मिला हो।
ये भी हो सकता है कि ये रैकून डॉग्स किसी और जानवर से या वहां काम करने वाले और खरीदारी करने वाले इंसानों से संक्रमित हुए हों।
रैकून डॉग लोमड़ी जैसा दिखने वाला एक बड़े फर वाला कुत्ता होता है। इसके फर का रंग रैकून जानवर से मिलता-जुलता है।
यह मुख्यत: चीन में पाया जाता है। इसकी बिक्री अवैध है, लेकिन हुनान के मार्केट में ये धंधा काफी समय से हो रहा है।
पहले कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि कोरोना वायरस इंसानों में चमगादड़ या पेंगोलिन जैसे जानवर से आया है। मगर तब भी ये कहा जा रहा था कि कोरोना वायरस अगर किसी जानवर से आया होगा तो वह इनके मुकाबले बड़े आकार का होगा।
नए जेनेटिक डेटा से पहली बार इस बात के सबसे मजबूत प्रमाण मिले हैं कि कोरोना वायरस इंसानों में किसी जानवर से आया।
इस डेटा का विश्लेषण करने वाली अंतरराष्ट्रीय टीम ने अभी तक अपनी पूरी रिसर्च पब्लिश नहीं करवाई है।
अमेरिका में लैब लीक थ्योरी पर दिया जा रहा है ज्यादा फोकस
हाल के दिनों में ही अमेरिका के एनर्जी डिपार्टमेंट ने अपनी इंटेलीजेंस रिपोर्ट में ये कहा था कि कोरोना वायरस के किसी लैब से लीक होने की संभावना ही ज्यादा है।
इससे पहले अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने भी लैब लीक थ्योरी के ही सही होने की संभावना जताई थी। अमेरिकी संसद में रिपब्लिकन पार्टी के मजबूत होने के बाद से लैब लीक थ्योरी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
ठीक इसी समय में अब हुनान मार्केट में जानवर से वायरस के फैलने से जुड़ा डेटा पहली बार सामने आया है।
चीनी वैज्ञानिकों ने इंटरनेशनल रिपॉजिटरी में डेटा डाला…बाद में हटा दिया