नेशनल हेरल्ड मामले में कांग्रेस लीडरशिप की पेशी पर होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर बीजेपी की आलोचना पर कांग्रेस ने सोमवार को पलटवार किया। कांग्रेस ने कहा कि जब गुजरात में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को एसआईटी के सामने बुलाया गया था तो मोदी कोई चुपचाप या शांतिपूर्ण तरीके से नहीं गए थे, जैसा कि बीजेपी दावा करती है। पीएम मोदी व बीजेपी पर यह निशाना साधा है कांग्रेस के सीनियर नेता और सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने। उनका कहना था कि देश के सामने किए जा रहे दावों की सच्चाई लाना जरूरी है।
बीजेपी ने पूरे गुजरात की दीवारों पर लिखे थे गंदे स्लोगन- कांग्रेस
शांति सिंह गोहिल ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की ओर से यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को जब एसआईटी ने बुलाया था और उस वक्त वह शांति से एसआईटी के सामने चले गए थे। उनका कहना था कि इससे उलट सच्चाई यह है कि एसआईटी के नोटिस पर बीजेपी ने पूरे गुजरात में कांग्रेस और तत्कालीन यूपीए सरकार एवं राज्य के गवर्नर के खिलाफ पूरे गुजरात की दीवारों पर बेहद गंदे नारे लिखाए गए थे। गोहिल ने दावा किया कि कुछ जगहों पर तो बाकायदा जुलूस निकालकर बीजेपी ने गंदे-गंदे नारे लगाए थे।
‘गवर्नर चोर है के लगे नारे’
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उस वक्त गुजरात की गर्वनर न सिर्फ एक बुजुर्ग महिला थीं, बल्कि ऐसी महिला थीं जिन्होंने गांधी जी के कहने पर अपने छात्रकाल में ही अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए छात्र सेना बनाई थी और उसकी अगुवाई की थी। उस 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की एसआईटी के सामने तत्कालीन सीएम को बुलाने में कोई भूमिका नहीं थी, फिर भी उनके खिलाफ पूरे गुजरात में ‘गवर्नर चोर है’ के स्लोगन लगाए गए।
पेशी को रोकने के लिए बीजेपी विधायक ने किया था कोर्ट का रुख
गोहिल का कहना था कि यह भी गलत है कि मोदी चुपचाप एसआईटी के सामने पेश हो गए। उनका कहना था कि पेशी को रोकने के लिए तत्कालीन बीजेपी विधायक ने कोर्ट का रुख किया, लेकिन हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट दोनों ही जगह पेशी पर स्टे न मिलने के चलते अंतत: नरेंद्र मोदी को एसआईटी के सामने पेश होना पड़ा। गोहिल का कहना था कि वह एसआईटी हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के कहने पर बनाई गई थी।