सरकार ने जनरल बिपिन रावत की जगह देश के नए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति प्रकिया शुरू कर है। सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने अंदरूनी सलाह मशविरे के साथ इस दिशा में शुक्रवार को अनिवार्य कागजी प्रकिया की पहल को आगे बढ़ा दिया। इस प्रक्रिया के अगले चरण में नए सीडीएस के लिए संभावित नामों का पैनल तैयार किए जाने के संकेत हैं।
समझा जाता है कि संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार होने के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति नए सीडीएस के चयन पर अंतिम फैसला करेगी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों में से ही नया सीडीएस चुना जाएगा या हाल में रिटायर हुए किसी सैन्य प्रमुख को जनरल रावत का उत्तराधिकारी बनाया जाएगा। लेकिन तीनों सेनाओं के बीच गहरे समन्वय के लिए सीडीएस के अधीन जिस तरह सरकार ने अलग से मिलिट्री अफेयर्स का विभाग बनाया है उसे देखते हुए रिटायर सैन्य प्रमुख को यह जिम्मेदारी दिए जाने की संभावना कम ही नजर आ रही है। सीडीएस ही इस नवगठित मिलिट्री अफेयर्स विभाग के सचिव भी होते हैं।
इस लिहाज से तीनों मौजूदा सैन्य प्रमुखों में से ही जनरल रावत का उत्तराधिकारी चुने जाने के प्रबल आसार हैं। इनमें सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे तीनों में सबसे वरिष्ठ हैं। जनरल रावत से सेना अध्यक्ष की कमान थामने वाले जनरल नरवणे ने 31 दिसंबर, 2019 को सेना प्रमुख का पद संभाला था और आगामी अप्रैल यानि पांच महीने में ही वह रिटायर होने वाले हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने बीते 30 सितंबर तो एडमिरल आर. हरिकुमार ने अभी 30 नवंबर को ही नौसेना प्रमुख का पद संभाला है। ऐसे में अनुभव और वर्तमान में सीमा पर चुनौतियों को देखते हुए जनरल नरवणे को ही अगले सीडीएस की दौड़ में सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य तनातनी के लंबे और चुनौतीपूर्ण दौर को जनरल नरवणे ने काफी परिपक्वता से हैंडल भी किया है।