Ashutosh Gupta, Uttar Pradesh: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी की घटना के लिए बीजेपी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। सीतापुर में हिरासत में लिए जाने के बाद विभिन्न मीडिया संस्थानों से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि, “अगर मैं पीड़ित परिवारों से मिलने जाती हूं तो मुझे रोक लिया जाता है, जबकि घटना का आरोपी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री का बेटा आजाद घूम रहा है।“ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक और कानूनी प्रक्रिया का पूरी तरह से पतन हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर आप हमें गिरफ्तार कर सकते हैं, तो हत्या के आरोपी मंत्री के बेटे को क्यों नहीं गिरफ्तार किया जा सकता है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि उन्हें नहीं बताया गया कि उन्हें कहां बंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि सीतापुर में शायद कोई गेस्ट हाऊस है जो काफी समय से बंद था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने किसानों को कुचला, पुलिस की एफआईआर में आरोपी का नाम है लेकिन मंत्री कह रहे हैं कि वह घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्हें सुबह करीब चार बजे रोका गया, जब वह आउटर लखीमपुर खीरी में ही पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि “मुझे गिरफ्तारी से पहले बताया गया कि मुझे धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है, कानूनी भाषा में इसका अर्थ भविष्य में क्राइम करने की आशंका होता है। उन्होंने कहा कि मुझे कोई कागजात नहीं दिखाए गए हैं, अगर वह मुझे कागज नहीं देते हैं तो मैं इसे अपहरण कह सकती हूं। अगर मुझे धारा 151 के तहत 24 घंटे से ज्यादा गिरफ्तार नहीं रखा जा सकता है तो मैं ऐसे भी बाहर आ सकती हूं।“
प्रियंका गांधी ने पुलिस की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “पुलिस ने पहले हमें धारा 144 के उल्लंघन का हवाला देकर रोका, जब हमने उन्हें बताया कि हम 4 से ज्यादा लोग नहीं है तो वह धारा 151 का तर्क देने लगे। प्रियंका ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे धक्का दिया, मेरे साथ मारपीट भी की गई। उन्होंने कहा कि एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि वह मंत्री का बेटा है जबकि मैं किसी के घर मिलने जा रही थी तो मुझे हिरासत में लिया गया।“
ध्यान रहे कि लखीमपुर खीरी के तिकोनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत 9 लोगों की मौत हुई है। इसी सिलसिले में प्रियंका गांधी को सोमवार तड़के लखीमपुर खीरी जाते वक्त सीतापुर में हिरासत में लिया गया। प्रियंका ने इसके विरोध में हिरासत में ही अनशन शुरू कर दिया। प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा समेत कुछ वरिष्ठ नेताओँ को भी सीतापुर में उन्हें हिरासत में ले लिया गया और पीएसी के कैंपस में भेज दिया गया।