सौरभ अरोरा, मप्र ब्यूरो: 15 अगस्त को देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। देश के कुछ हिस्से आज भी ऐसे भी हैं जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं है। रविवार को मध्य प्रदेश के सतना में गर्भवती को इसी बदहाली की सजा भुगतनी पड़ी। खराब सड़क की वजह से एंबुलेंस महिला तक नहीं पहुंच पाई। एंबुलेंस तक जाने के लिए पैदल जा रही महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। मामला कोटर तहसील के बिहरा डोंगरी गांव का है।
गांव में रहने वाली 25 साल की नीलम को सुबह लेबर पेन शुरू हुआ था। पति पंकज ने जननी एक्सप्रेस को कॉल किया। खराब सड़क के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। ड्राइवर गांव के बाहर ही रुक गया। परिवार ने दर्द से तड़प रही महिला को कीचड़ भरे रास्ते से पैदल ही गांव के बाहर तक ले जाने का फैसला लिया। नीलम एंबुलेंस तक पहुंचतीं उससे पहले ही सड़क पर डिलीवरी हो गई। इसके बाद मेन रोड पर खड़ी एंबुलेंस जच्चा-बच्चा को लेकर अस्पताल रवाना हुई। फिलहाल दोनों स्वस्थ हैं।
बारिश के 4 महीने यही रहता है हाल
ग्रामीणों कहना है, 70% आदिवासी समाज वाले बिहरा डोंगरी गांव में बारिश के दौरान यह परेशानी दशकों पुरानी है। बारिश के 4 महीने इसी तरह कीचड़ के बीच से होकर गुजरना होता है। कई बार मरीज को उठाकर मेन रोड तक लाना पड़ता है। नेता-अधिकारी सबसे गुहार लगा ली, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
एंबुलेंस अगर अंदर जाती तो फंस जाती
कोटर अस्पताल के डॉ. सर्वेश सिंह ने बताया कि सुबह साढ़े 7 बजे नीलम नाम की महिला को लेबर पेन होने की जानकारी मिली थी। परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया था। एंबुलेंस गांव के पहले मेन रोड पर करीब सवा घंटे खड़ी रही। कारण गांव के भीतर जाने वाली सड़क पर काफी कीचड़ था। यदि एंबुलेंस भीतर जाती, तो वहीं फंस जाती।