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Monkey B Virus की दस्‍तक से आफत में चीन, बेहद खतरनाक है ये वायरस, बंदरों पर रखी जा रही है पैनी नजर

बीजिंग: दुनिया में डेल्‍टा वैरिएंट के कहर के बीच यह खबर आ रही है कि चीन में बंदरों के जरिए तेजी से संक्रमण फैल रह है। चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बंदरों से संक्रमण का प्रसार हो रहा है। चीन ने इस वायरस के फैलने की बात भी स्‍वीकार कर ली है। चीन ने इस वायरस को मंकी बी वायरस (Monkey B Virus (BV)) का नाम दिया है। बता दें कि कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति और उसके प्रसार के लिए चीन को दोषी माना है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन समेत दुनिया के कई मुल्‍कों ने बीजिंग पर लगातार निष्‍पक्ष जांच का दबाव बनाया है। ऐसे में इस नए वायरस से दुनिया की चिंता बढ़ गई है।

मंकी बी वायरस बंदर से निकला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वायरस बेहद खतरनाक है। इससे संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 70 से 80 फीसद है। यानि, अगर 100 लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं तो करीब 70 से 80 लोगों की मौत हो सकती है। इस लिहाज से कोरोना के बीच ही इस वायरस से निपटना चीन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बीजिंग के एक पशु चिकित्सक में मंकी बी वायरस के रूप में चीन के पहले मानव संक्रमण मामले की पुष्टि की गई थी। अब वायरस से पीड़‍ित की मौत हो गई है, लेकिन मरीज के करीबी फिलहाल इस वायरस से सुरक्षित हैं।

बता दें कि 53 साल के पशु चिकित्सक नॉन-ह्यूमन प्राइमेट्स पर रिसर्च करने वाली एक संस्था के लिए काम करते थे। मार्च की शुरुआत में दो मरे हुए बंदरों को काटने के एक महीने बाद पशु चिकित्सक में मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण नजर आए थे। इस पत्रिका में कहा गया कि पशु चिकित्सक ने कई अस्पतालों में इलाज कराया और 27 मई को उनकी मौत हो गई थी। चीन में इससे पहले बीवी संक्रमण के घातक या चिकित्सकीय रूप से स्पष्ट मामले सामने नहीं आए थे। लिहाजा पशु चिकित्सक का मामला चीन में पाया गया बीवी के साथ पहला मानव संक्रमण का मामला है। रिसर्चर्स ने अप्रैल में पशु चिकित्सक के मस्तिष्कमेरु द्रव को एकत्र किया और उसकी पहचान बीवी पॉजिटिव के रूप में की थी। हालांकि, चिकित्सक के करीबियों के सैंपल वायरस की जांच में नेगेटिव पाए गए। बता दें कि सबसे पहले यह वायरस 1932 में सामने आया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह वायरस सीधे संपर्क या शारीरिक स्राव के अदान-प्रदान के माध्यम से फैलता है. इस वायरस की मृत्यु दर 70 से 80 फीसद है।

द फ्रीडम स्टॉफ
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