गोरे मुह पर काले धब्बे सुनने में भी अजीब लगते है और देखने में भी | कई बार कई औरतों को आखों के निचे काले घेरे होने लगते है जो आसानी से पीछा नहीं छोड़ते | लोग महंगे महंगे ट्रीटमेंट्स अजमाते है लेकिन कई बार यह धब्बे पीछा ही नहीं छोड़ते | लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसा जादुई नुस्खा लेकर आये है जो वरतों के पहले ही दिन आपको नतीजों का नमूना देखा देगा | ये मिश्रण बनाने में भी आसान है और अजमाने में भी |
इस मिश्रण में हम दो औषधियों की वरतों करें गे जो आपको आसानी से प्राप्त हो जाएगीं | और यह बिलकुल भी नुकसानदायक नहीं होंगी | आप अपने फेस के लिए जो भी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हो, अगर आप ध्यान से देखो गे आपको उनमें से कईयों में बेकिंग सोडा मिले गा लेकिन कई और केमिकल्स के साथ | जैसे के आप जानते है बाजारू प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होते है |
आंखों के नीचे काले घेरे होने के कारण-
हीमोग्लोबिन की कमी
जिन महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 10 से कम होता है उनमें आंखों के नीचे काले घेरे होने की संभावना अधिक होती है। यदि हीमोग्लोबिन का स्तर दवा व आहार से नियंत्रित कर लिया जाए, तो काले घेरे की समस्या स्वयं चली जाती है।
कोलेजेन की कमी
आंखों के नीचे की त्वचा काफी पतली व संवेदनशील होती है। उम्र के बढ़ने के साथ कोलेजेन के कम बनने के कारण कई बार त्वचा पतली होने लगती है और त्वचा की कसावट खो जाती है। त्वचा के इस तरह पतले हो जाने से आंखों के नीचे लालिमा लिये हुए नीली रक्त वाहिनियां दिखने लगती हैं। त्वचा के नीचे की रक्त वाहिनियां ही काले घेरे की वजह बनती हैं।
पिगमेंटेशन के कारण
पिगमेंटेशन की समस्या के कारण त्वचा टोन असमान बनाती हैं। और यह असमान रंगत आंखों के नीचे काले घेरों का कारण बनती हैं।
एलर्जी
एलर्जी के कारण भी समस्या हो सकती है। यह किसी सामग्री या खान-पान की चीज के प्रति रिएक्शन है जो आंख में खारिश पैदा करता है। और आंखों के आस-पास की त्वचा को रगड़ने या खरोंचने से भी डिस्कलरेशन हो जाता है।
आनुवांशिक कारण
आनुवांशिकता कारणों से भी काले घेरे की समस्या हो सकती है। आंखों के नीचे काले घेरे जेनेटिक कारणों से भी हो सकती है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी परिवार में चलती रही हो। चूंकि त्वचा की पारदर्शिता के कारण रक्त वाहिनियां दिखती हैं इनमें होकर गुजरता रक्त इसे नीली आभा प्रदान करता है। अनेक मामलों में त्वचा की यह बनावट आनुवंशिक कारणों से होती है।
सन एक्सपोजन
कई बार यह समस्या सन एक्सपोजर के कारण हो जाती है। सन एक्सपोजर से मैलेनिन के बनने में बढ़ोत्तरी हो जाती है जिससे आंखों के नीचे काले घेरे बन सकते हैं।
दवा के कारण
कुछ दवाएं रक्त वाहिनियों को चौड़ा करती हैं जो डार्क सर्किल्स का कारण बनती हैं। ब्लड प्रेशर और नसल डिकंजेशन ड्रग्स इसके उदाहरण माने जा सकते हैं।
आयरन की कमी
एनीमिया त्वचा को निस्तेज बनाता है जिससे आपकी त्वचा के नीचे की रक्त वाहिनियां दिखने लगती हैं।
नींद की कमी
आंखों के नीचे काले घेरे होने का एक बड़ा कारण नींद की कमी भी है। नींद न आने और डिहाईड्रेशन से त्वचा निस्तेज और शिकनयुक्त हो सकती है जिससे आपकी आंखों के नीचे की रक्त वाहिनियां डार्क डिस्कलरेशन के रूप में दिखने लगती हैं।
आंखों के नीचे काले घेरों का उपचार-
1 टमाटर, 1 चम्मच नींबू का रस, चुटकी भर बेसन और हल्दी लेकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस गाढे पेस्ट को अपनी आंखों के चारों ओर लगाएं और 15 मिनट के बाद चेहरे को धो लें। ऐसा हफ्ते में 3 बार करें।
चंदन का तेल और जैतून का तेल मिलाकर आंखों के काले घेरों पर लगाने से कुछ ही दिनों में धीरे-धीरे डार्क सर्कल्स गायब होने लगते हैं।
50 ग्राम तुलसी के पत्ते, 50 ग्राम नीम और 50 ग्राम पुदीने को बारीक पीसकर उसमें थोड़ा हल्दी पावडर और गुलाब जल मिलाएं। अब इस लेप को डार्क सर्कल्स पर लगाएं।
आंखों के काले घेरे को मिटाने के लिए कच्चे दूध में चुटकी भर नमक मिलाकर रूई की सहायता से आंखों के नीचे के काले घेरों पर लगाएं। कुछ ही दिनों में आपको फर्क महसूस होगा।
खीरे या आलू के रस से भी काले घेरे दूर होते हैं। इसके लिए खीरे या आलू में से किसी को भी लेकर क्रश करके आंखो के ऊपर रखें। कुछ देर तक आंखें बंद रखने के बाद डार्क एरिया पर इसे हल्के-हल्के से घुमाएं। इससे आंखों के आसपास का थुलथुलापन कम होगा साथ ही कालापन भी घटेगा।
इस्तेमाल किये गए ठंडे टी-बैग्स का उपयोग भी किया जा सकता है। टी-बैग्स में मौजूद तत्व टैनिन आंखों के आसपास की सूजन और डार्कनेस को कम करता है।
संतरे का रस और ग्लीसरीन को एक साथ मिला कर रोजाना आंखों और आस पास की जगह पर लगाएं। यह बहुत ही प्रभावशाली है और डार्क सर्कल से मुक्ती भी दिलाता है।
इसके साथ ही आप त्वचा को डैमेज और वीक होने से बचाने के लिये सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। चूंकि आंखों के आसपास त्वचा काफी पतली होती है इसलिये इसे सन डैमेज से बचाने के लिये सनग्लासेज का इस्तेमाल करें। किसी तरह के पोषक तत्व की कमी से बचने के लिये पोषक संतुलित आहार लें, साथ ही ‘विटामिन ए’ आंखों के लिये अच्छा है जबकि ‘विटामिन सी’ रक्त वाहिनियों को मज़बूत बनाता है। थकान और नींद की कमी से बचने का प्रयास करें।