मोहित गोस्वामी, बंदायू: ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई आला अधिकारी अपने वातानुकूलित कार्यालय से निकल कर आम लोगों की समस्या को समझे और उसका निराकरण जल्द से जल्द करने की कोशिश करें। निरीक्षण के लिए भी जाते हैं तो अपनी गाड़ियों से उतरना तक पसंद नहीं करते हैं। ऐसे अधिकारियों के लिए उत्तर प्रदेश के बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने मिसाल कायम की है। उन्होंने गुरुवार को जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियों को कम करने और राहत कार्यों को देखने बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंच गईं। यह देख ग्रामीण भी दंग रह गए। उन्हें देखने के लिए भीड़ जुट गई। वहां जिलाधिकारी ने भोजन से लेकर उपचार तक की व्यवस्था चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए।
अफसर अक्सर गांवों में निरीक्षण के लिए जाते रहते हैं, लेकिन बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने गुरुवार को सहसवान क्षेत्र के गांव धापड़, परशुराम नगला, खागी नगला और भरौलिया का निरीक्षण बैलगाड़ी पर बैठकर किया। उनके साथ अन्य अफसर भी बैलगाड़ी पर बैठे। कई जगह पहुंचने के लिए उन्होंने नाव का भी सहारा लिया। दीपा रंजन की यह पहल सिस्टम के लिए बड़ी सीख बन गई है।
बदायूं में गंगा नदी में पानी तो कम हो गया है, लेकिन ग्रामीणों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। जिलाधिकारी दीपा रंजन ने गुरुवार को नाव और बैलगाड़ी से सहसवान क्षेत्र के बाढ़ पीड़ित गांवों का दौरान कर ग्रामीणों की समस्याएं देखीं और उनका निदान कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए विद्यालय में राहत शिविर बनवा दिया है। भोजन से लेकर उपचार तक की व्यवस्था चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए।
सहसवान तहसील क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है। गुरुवार को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नरेंद्र बहादुर सिंह एवं उप जिलाधिकारी सहसवान ज्योति शर्मा, बाढ़ खंड के अभियंता उमेश चंद्र के साथ डीएम दीपा रंजन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। सहसवान के ग्राम धापड़, परशुराम नगला, खागी नगला और भरौलिया का नाव एवं बैलगाड़ी से जाकर निरीक्षण किया।
डीएम दीपा रंजन ने निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। स्वास्थ्य टीमें सक्रिय रहकर कार्य करें, समस्त प्रकार की आवश्यक दवाओं एवं उपकरण की उपलब्धता रहे। ग्रामीणों को समझाया कि बाढ़ से बचने के लिए शरणालय में रहें, यहां प्रशासन की ओर से सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था उपलब्ध है। निर्देश दिए कि बंधे पर कटान व बचाव कार्य चलता रहे एवं सभी टीमें मुस्तैद रहें। खागी नगला, परशुराम नगला में जलभराव होने से बैलगाड़ी से पार करना पड़ा।