देश में कोरोना के बिगड़ते हालात पर सरकार लॉकडाउन पर क्या फैसला लेती है, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। देश के कई राज्यों के व्यापारिक संगठनों ने अपने-अपने शहर के सभी प्रमुख बाजारों को अगले तीन से सात दिनों तक बंद कर दिया है। यानी कि देश के राज्यों की इन प्रमुख बाजारों में अगले सात दिनों तक न कोई दुकान खुलेगी ना कोई कारोबार होगा।
देश में दो लाख कोरोना के मरीजों के सामने आने के बाद अब लोगों ने अपने बचाव को लेकर खुद इंतजाम बात करने शुरू कर दिए हैं। लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उड़ीसा के कई प्रमुख व्यापारिक संगठनों ने दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सबसे प्रमुख बाजार हजरतगंज अमीनाबाद और चौक की दुकानों को अगले तीन से सात दिनों के लिए पूर्णतया बंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अशोक यादव कहते हैं कि हालात इस तरीके के नहीं है कि अब दुकानों को खोल कर भीड़ को बुलाया जाए। अशोक ने बताया कि सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों की दुकानों को अगले 3-7 दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी कई मार्केट को बंद करने का फैसला लिया गया है।
देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर अलग-अलग राज्यों में सरकारी सख्ती से इतर लोगों ने न सिर्फ बाजारों को बंद किया, बल्कि रिहायशी इलाकों में भी खुद माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना लिए। महाराष्ट्र के लातूर और नागपुर समेत चंद्रपुर इलाकों में लोगों ने पांच से दस-दस घरों को खुद कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिया। लातूर की नगर पालिका पार्षद प्रियंका ऊषागांवकर ने बताया कि उन्होंने अपने शहर में ऐसी दर्जनों जगहों को बंद किया है। उनका कहना है कि लोग आगे आकर अब स्वयं घरों में बंद रहने को कहते हैं। ज़रूरत के सामान को पहुंचाने की जिम्मेदारी हम लोगों ने ली है।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने राज्यों में ज्यादा से ज्यादा सख्ती बरत कर कोरोना को कंट्रोल करें। देश के अलग-अलग राज्यों ने भी सख्ती बरतते हुए कोरोना बचाव को लेकर जारी गाइडलाइंस का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है।