रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके सत्ताधारी एमएलसी दिनेश सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट के निर्देश पर 82 की कार्रवाई की गई. भारी संख्या में डलमऊ पुलिस फोर्स उनके घर पर पहुंची और मुनादी करते हुए घर पर 82 की नोटिस चस्पा की जिससे वो और मामले के अन्य 8 अभियुक्त तय तारीख पर कोर्ट में हाजिर हों. यही नहीं, पुलिस एमएलसी समेत सभी को काफी समय से तलाश रही है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही है.
बता दें कि विधान परिषद सदस्य दिनेश सिंह, पूर्व प्रमुख सताव उमेश सिंह समेत आधा दर्जन लोगों के विरूद्ध मारपीट का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है. इस मामले में भाजपा एमएलसी दिनेश सिंह और उनके अन्य साथी कोर्ट से लगातार गैर हाजिर चल रहे थे. इसके बाद कोर्ट सख्त हो गई.
पंचायत चुनाव से पहले चर्चा तेज
इस क्रम में कोर्ट के आदेश पर MLC दिनेश सिंह के आवास सिविल लाइन्स पर 82 की नोटिस जारी हुई. रायबरेली पुलिस ने बीजेपी एमएलसी के घर सहित मामले के अन्य आरोपियों के घर पर मुनादी की और डुग्गी पिटवाई जिससे पंचायत चुनाव से पहले चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. बताया जा रहा है कोर्ट ने 19 मार्च को ही नोटिस जारी किया था, लेकिन पुलिस उसे दबाकर बैठी थी. इस मामले में जब कोर्ट ने सुनवाई की तो पुलिस ने यह कदम उठाया, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि यूपी सरकार से सुरक्षा प्राप्त एमएलसी दिनेश सिंह को खोजने में रायबरेली पुलिस नाकाम कैसे हो रही है.
मामला 3 मार्च 15 का है जब एमएलसी दिनेश सिंह अपने समर्थकों के साथ डलमऊ कोतवाली के कुरौली दमा गांव में किसी सड़क का लोकार्पण करने गए थे, उसी दौरान वहां पर मारपीट और तोड़फोड़ शुरू हो गई. इस मामले को लेकर तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य राजेश यादव ने डलमऊ कोतवाली में एमएलसी दिनेश सिंह, प्रमुख सताव उमेश सिंह, राम सुघर सिंह, पंकज सिंह , अमर सिंह, सभाजीत सिंह, यादवेंद्र प्रताप सिंह, मो. वसीम और दीपक सिंह के खिलाफ तहरीर दी थी जिस पर डलमऊ पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 148, 323, 504, 506 में मामला दर्ज कर लिया था. इसी मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है और एमएलसी दिनेश सिंह और उनके समर्थक लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं.