आशुतोष गुप्ता, रायबरेली ब्यूरो: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव सकुशल और निष्पक्ष कराने के लिए अधिकारी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते। हर हाल में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अधिकारी जी तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य डीएम का सख्त निर्देश है।
ग्राम पंचायत चुनाव में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए इसके लिए प्रत्येक ग्राम सभाओं में एक खुफिया तंत्र गांव की निगरानी के लिए लगाया गया है, इस खुफिया तंत्र काम यह है कि अगर गांव में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति और चुनाव में बाधा उत्पन्न कर रहे अराजकतत्व दिखाई पड़ते हैं तो इस मामले की सूचना सीधा एसडीएम और तहसीलदार एवं सीओ के व्हाट्सएप पर होगी।
चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए SDM की नई पहल
पंचायत चुनाव को निष्पक्ष कराने के लिए एसडीएम ने एक और नई पहल संचालित की है। वैसे तो एसडीएम और तहसीलदार के सीयूजी नंबर तो सभी को मालूम होगा लेकिन गांव में अराजकतत्व होने की सूचना देने में सभी डरते हैं। इसीलिए पंचायत चुनाव के दौरान उम्मीदवार अपनी बनाई रणनीति पर कामयाब हो जाते हैं। इसलिए इस बार गांव में खुफिया तंत्र गांव की निगरानी के लिए लगाए गए हैं। एसडीएम ने बताया कि इस खुफिया तंत्र द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे लोगों के विरुद्ध सबसे बड़ी पहल है। चुनाव के नजदीक आते ही उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने में हर संभव प्रयास करते हैं यहां तक की उम्मीदवार मतदाताओं को व्यक्तिगत लाभ भी देते हैं, जिससे मतदाता अपने मत का सही प्रयोग नहीं कर पाता। अधिकांश उम्मीदवार इसी समय का फायदा उठाकर कामयाबी हो जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा यहां वही होगा, जो सही होगा।
डीएम के सख्त निर्देश पर पंचायत चुनाव को हर हाल में निष्पक्ष कराना है, चप्पे-चप्पे पर खुफिया तंत्र गांव की निगरानी करेगा और गांव की गतिविधियों की सूचना आसानी से प्रशासन तक पहुंचेगी गांव में लगाए गए खुफिया तंत्र की सूचना सिर्फ अधिकारियों को ही होगी। यहां तक कि अगर गांव में चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान कोई भी उम्मीदवार किसी भी वस्तु सामग्री, पैसा इत्यादि वितरण करता पाया जाता है, तो इस मामले की सूचना तत्काल तहसील स्तरीय अधिकारियों को इस पहल के माध्यम से हो जाएगी। और अधिकारी कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंचकर उम्मीदवार के विरुद्ध सख्त कार्यवाही भी करेंगे।
नवयुवक बन सकते हैं, खुफिया तंत्र का हिस्सा
बदलते समय के चलते सोशल मीडिया पर नवयुवकों की रूचि काफी है। इसलिए उन्हें खुफिया तंत्र का हिस्सा बनाया जा सकता है फिर हाल अधिकारियों ने इस संबंध में कुछ भी नहीं बताया। लेकिन मल्टीमीडिया फोन चलाने में नवयुवक सबसे आगे। उन्हें गांव की हर गतिविधि की जानकारी भी होती है। लेकिन जानकारी होने के बावजूद भी नवयुवक अधिकारियों के डर की वजह से इस तरह की सूचनाएं नहीं भेज पाते। इसलिए उन्हें निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर खुफिया तंत्र का हिस्सा बनाया जा सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति फर्जी किसी भी उम्मीदवार एवं व्यक्ति के विरुद्ध शिकायत की और जांच-पड़ताल में वह निर्दोष पाया जाता है तो शिकायतकर्ता के विरुद्ध कार्यवाही होना तय है,यह खुफिया तंत्र सुभ्रांत नागरिकों की तैनाती डलमऊ ब्लाक और दीनशाह गौरा के ग्राम सभाओं के गांवों मे की जायेगी।