अमित ढौंढियाल, दिल्ली ब्यूरो: दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी हुई है। हाल ही में भारत दौरे पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने भी दिल्ली के सरकारी विद्यालयों की खूब प्रशंसा की थी। सरकारी विद्यालयों की शिक्षा प्रणाली को और बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ पूरा मंत्रिमंडल कुछ ना कुछ नये प्रयास करता रहता है। लेकिन हर विभाग में कुछ ना कुछ ऐसे कर्मचारी होते हैं जो सरकार की बेहतर कोशिशों पर पानी डालने का प्रयास करते रहते हैं।
मामला है रोहिणी में स्थित दिल्ली सरकार के आधीन आने वाले एक सरकारी विद्यालय की, जहां के परीक्षा प्रभारी अपनी गलत आदतों और अड़ियल स्वाभाव के चलते बच्चों के भविष्य को भी ताक पर रख देते हैं। ना सिर्फ बच्चों के साथ बल्कि स्कूल के अन्य स्टॉफ के साथ भी परीक्षा प्रभारी महोदय का रवैया बदसलूकी भरा होता है। नाम ना छापने की शर्त पर कुछ बच्चों का कहना है कि एक तो वह कभी पढ़ाने नहीं आते और अगर आते भी हैं तो बेफिजूल की बातों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। बच्चों का यह भी कहना है कि हमने कई बार प्रिंसिपल सर से भी मौखिक तौर पर इस मुद्दे को उठाया लेकिन कोई समाधान आज तक नहीं हुआ।
द फ्रीडम न्यूज की टीम ने जब परीक्षा प्रभारी का पक्ष जानने की कोशिश की तो उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया।