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हिंसा को लेकर जावड़ेकर का राहुल पर वार: कांग्रेस हताश और निराश, जानबूझ कर किसानों को उकसाया

नई दिल्‍ली: दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद भाजपा ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि 26 जनवरी को ट्रैक्‍टर परेड की आड़ में जो हिंसा हुई उसके पीछे सियासी ताकतें भी थीं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझ कर किसानों को उकसाया था। कल के यूथ कांग्रेस और कांग्रेस से संबंधित संस्थाओं के ट्वीट इसके प्रमाण हैं। जिन्होंने भी 26 जनवरी को किसानों को उकसाया उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

लगातार उकसा रहे थे राहुल

जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस ने जानबूझ कर किसानों को उकसाया था। राहुल गांधी लगातार केवल समर्थन ही नहीं कर रहे थे बल्कि उकसा भी रहे थे। CAA को लेकर भी उन्‍होंने ऐसा ही किया था। सड़क पर आने को वो उकसाते हैं और दूसरे दिन से सड़क पर आंदोलन शुरू होता है।

कांग्रेस हताश और निराश

जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस हताश और निराश है, चुनाव में हार रहे हैं, कम्यूनिस्टों की भी वही हालत है। इसलिए पश्चिम बंगाल में नई दोस्ती का रिश्ता ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस किसी भी तरह से देश में अशांति फैलाना चाहती है।

उकसाने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई

जावड़ेकर ने यह भी कहा कि जिन्होंने भी 26 जनवरी को किसानों को उकसाया उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कल जिस तरह से लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ उसे भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। राहुल गांधी किसानों का समर्थन नहीं कर रहे थे वे उकसा रहे थे।

किसानों से बातचीत के दरवाजे बंद नहीं हुए

इससे पहले संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद होने की बात कभी नहीं कही। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्री से पूछा गया था कि क्या किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे अब बंद हो गए हैं।

किसानों ने खारिज कर दिया था सरकार का प्रस्‍ताव

जावड़ेकर ने कहा, …क्या आपने कभी सुना कि हमने ऐसा कहा हो। हमने कहा था कि आगे जब भी बातचीत होगी उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। मालमू हो कि बीते शुक्रवार को किसानों के साथ सरकार की 11वें दौर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता के बाद सरकार ने किसानों से कहा कि वे तीन कृषि कानूनों को एक-डेढ वर्ष के लिए स्थगित करने के प्रस्ताव पर फिर से विचार करें लेकिन किसानों ने इसको खारिज कर दिया था।

मंत्रिमंडल की बैठक सुरक्षा समिति से अलग

यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में क्या मंगलवार की हिंसा के बारे में भी चर्चा हुई। जावडेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल सुरक्षा समिति से अलग होती है। जहां तक किसानों के साथ बातचीत का मसला है इस संबंध में जो भी फैसला होगा हम सही समय पर इसकी जानकारी जरूर देंगे।

द फ्रीडम स्टॉफ
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