एजेंसी: अमेरिकी लोकतंत्र के गढ़ कही जाने वाली कैपिटल बिल्डिंग पर हुए हिंसक हमले के बाद कांग्रेस ने फिर से इलेक्टोरल कॉलेज वोटों के मिलान का संवैधानिक काम शुरू कर दिया है। ताकि 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की जीत की पुष्टि की जा सके।
दंगाइयों को उकसाने में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका को लेकर उनकी काफी निंदा की जा रही है। ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया था और यहां हुई गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई। वहीं कांग्रेस के सदस्यों को पुष्टि की प्रक्रिया को रोककर सुरक्षित क्षेत्रों में शरण लेनी पड़ी।
इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट उन्हें ऑफिस से हटाए जाने की संभावनाओं पर चर्चा की है। यूएस मीडिया संस्थानों ने इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैबिनेट ने अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन पर चर्चा की, जिसमें किसी राष्ट्रपति को ‘अपनी शक्ति और कर्तव्यों को छोड़ने में नाकाम रहने की स्थिति में’ उसके उप-राष्ट्रपति और कैबिनेट की ओर से हटाया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है तो डोनाल्ड ट्रंप के उपराष्ट्रपति माइकल पेंस को ट्रंप को पद से हटाने के लिए वोटिंग में कैबिनेट का नेतृत्व करना पड़ेगा।
अमेरिकी अंग्रेजी न्यूज चैनल CNN ने बिना नाम लिए रिपब्लिकन सांसदों के हवाले से कहा कि चर्चा में 25वें अमेंडमेंट पर चर्चा हुई है, उन्होंने बताया कि चर्चा में ट्रंप को ‘आउट ऑफ कंट्रोल’ बताया गया। वहीं एक और चैनल CBS की रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक पेंस को ‘औपचारिक तौर पर’ कुछ नहीं दिया गया है। वहीं ABC की रिपोर्टर कैथरीन फॉल्डर्स ने ‘कई सूत्रों के हवाले से’ कहा कि ट्रंप को हटाने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं।
बता दें कि ट्रंप 3 नवंबर, 2020 के चुनावों के परिणामों को स्वीकार करने से इनकार कर चुके हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी होने का आरोप लगाते हुए अदालतों में 50 से अधिक मुकदमे भी दायर किए थे।
कांग्रेस के अधिवेशन से पहले उन्होंने कांग्रेस के समर्थकों की रैली करके घोषणा की थी कि वे बाइडेन से हार नहीं मानेंगे और आवेश-नाराजगी की लहर ला देंगे। ट्रंप ने कहा था, “इस साल के चुनावों जैसी धांधली पहले कभी नहीं हुई। अब हम वहां (कैपिटल की ओर) जा रहे हैं .. और हम अपने बहादुर सीनेटरों और कांग्रेसी महिला-पुरुषों को खुश करने जा रहे हैं (वे लोग जिन्होंने जो बाइडेन के चुने जाने पर आपत्ति जताई है)।”