रायपुर ब्यूरो: अयोध्या में होने जा रहे श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर देशभर में तैयारियां चल रही हैं। लोग अलग-अलग तरह से मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ के एक सांसद रामधुन गायन कर अपना योगदान दे रहे हैं। वह आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आदिवासियों के बीच पहुंचकर रामचरितमानस की चौपाइयां पढ़ रहे हैं और उन्हें समझा रहे हैं कि आदिकाल से आदिवासी हिंदू समाज का हिस्सा रहे हैं। राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पांडे सुदूर वनांचल में आदिवासियों के बीच छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में वह मानस की चौपाइयां सुनाकर और उसका अर्थ बताकर आदिवासी समाज के लोगों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि उनका भी अनादिकाल से भगवान श्रीराम से नाता रहा है। इस दौरान वह सुंदरकांड में वानरों की भूमिका और जंगल में रहने वालों की ओर से भगवान श्रीराम को किए गए सहयोग करने का वृतांत सुना रहे हैं।
वह यह भी समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि जिस प्रकार उस कालखंड में वनवासियों ने प्रभु श्रीराम का सहयोग किया था। उसी तरह वर्तमान में श्रीराम मंदिर निर्माण में भी आदिवासी समाज की अहम भूमिका है। इस तरह से सांसद पांडे अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर के लिए आदिवासी समाज को जोड़ने का भी काम कर रहे हैं। दरअसल, भाजपा श्रीराम मंदिर के लिए राशि एकत्र करने जा रही है। इसी कड़ी में आदिवासी समाज के घरों तक पहुंचने का बीड़ा सांसद संतोष पांडे ने उठाया है। सांसद पांडे ने कहा कि आदिवासी समाज को भ्रमित किया जा रहा है। उन्हें यह बताने की कोशिश की जा रही है कि वह आदिवासी हैं, न कि हिंदू। जबकि रामायण काल से आदिवासी हिंदू समाज से जुड़े हैं और हिंदू समाज के अभिन्न अंग रहे हैं। राम मंदिर के लिए आदिवासी समाज के लोग भी सहयोग राशि दे रहे हैं। इससे उनका भगवान श्रीराम से सीधे जुड़ाव होगा।
श्रीराम मंदिर निर्माण में जहां राशि एकत्र की जा रही है, वहीं समय देने वाले स्वयंसेवकों की भी तलाश की जा रही है। सांसद पांडेय ने बताया कि मंदिर का निर्माण सिर्फ पैसे से नहीं हो सकता है। उसमें हजारों कार्यकर्ताओं को श्रम दान भी करना है। छत्तीसगढ़ में भी श्रम दान करने वाले कार्यकर्ता सक्रिय हैं। उनको अयोध्या भेजा जाएगा, जो मंदिर निर्माण में सहयोग करेंगे।