उत्तर प्रदेश

नहीं बिके बच्चियों के दीये तो थानेदार ने दोगुनी कीमत पर खरीदे, गिफ्ट देकर घर वापस भेजा

मेरठ:‘खाकी’ के सख्त रवैये और फरियादियों की सुनवाई ना करने के किस्से तो आम हैं, लेकिन इस दिवाली मेरठ में पुलिस की दरियादिली की एक अनोखी मिसाल देखने को मिली है। मेरठ जिले में शुक्रवार को गश्त पर निकले टीपी नगर थाने के थानेदार ने सड़क पर दीये बेच रहे बच्चों को उदास बैठे देखा तो न सिर्फ दोगुनी कीमत में उनसे खुद दीये खरीदे। इस दौरान पुलिस ने बच्चों के पास खड़े होकर सड़क से गुजर रहे अन्य लोगों को भी मासूमों से दीये खरीदने के लिए प्रेरित किया। बच्चों का सारा माल बिक जाने के बाद थानेदार ने उन्हें गिफ्ट देकर ‘हैप्पी दिवाली’ बोलते हुए उनके घर वापस भेजा तो बच्चों के चेहरे भी खिले हुए नजर आए।

दरअसल, शुक्रवार की दोपहर टीपी नगर के थानेदार विजय कुमार गुप्ता धनतेरस और दिवाली के मौके पर फोर्स के साथ क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान गश्त पर निकले हुए थे। इस दौरान वह किशनपुरा क्षेत्र में पहुंचे तो सड़क किनारे दुकान लगाकर बैठे व्यापारियों को उन्होंने ठीक से बैठकर अपना काम करने के लिए कहा। इसी दौरान थानेदार की नजर सड़क किनारे बैठी दो बच्चियों पर पड़ी। थानेदार ने इन बच्चियों को उदास देखकर उनसे उनकी बात पूछी।

अंकल… सुबह से नहीं बिका कोई सामान, कैसे मनेगी दिवाली?
इतने सारे पुलिसकर्मियों को अपने सामने देखकर पहले तो बच्चियां सहम गईं। उन्हें लगा कि शायद पुलिस उनकी दुकान को हटवाने आई है। मगर, इसी दौरान एसएचओ ने बच्चियों के सिरों पर प्यार से हाथ फेरते हुए उनकी मायूसी का कारण पूछा तो उनका जवाब सुनकर पुलिसकर्मियों का दिल भर आया। बच्चियों ने बड़ी मासूमियत के साथ जवाब दिया कि ‘अंकल सुबह से एक भी दीया नहीं बिका है, ऐसे में हम दिवाली कैसे मनाएंगे’?

दोगुनी कीमत देकर खुद लगाई बेचने के लिए आवाज
बच्चियों की मजबूरी और मासूमियत भरा जवाब सुनकर थानेदार विजय कुमार गुप्ता ने बच्चियों के आधे से अधिक दीये खुद ही खरीद लिए। इसके बाद एसओ विजय कुमार गुप्ता बच्चियों के पास खड़े हो गए और सड़क चलते लोगों से इन बच्चियों से दीये खरीदने की अपील करने लगे। नतीजा यह रहा कि देखते ही देखते चंद मिनटों में दीये बेच रही बच्चियों का सारा माल बिक गया। जिसके बाद थानेदार विजय कुमार गुप्ता ने अपने द्वारा खरीदे गए दीयों की दोगुनी कीमत और गिफ्ट देकर बच्चियों को उनके घर वापस भेजा

द फ्रीडम स्टॉफ
पत्रकारिता के इस स्वरूप को लेकर हमारी सोच के रास्ते में सिर्फ जरूरी संसाधनों की अनुपलब्धता ही बाधा है। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव दें।
https://thefreedomsnews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *