जम्मू: जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव से पहले श्रीनगर से जम्मू पहुंचे पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अपने पार्टी नैशनल कॉन्फ्रेंस के एक बड़े कार्यक्रम में हिस्सा लिया। फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में एक कार्यक्रम के दौरान वर्कर्स से बात की और कहा कि जो लोग उन्हें पाकिस्तान जाने का मशविरा दे रहे हैं, उन्हें ये समझ लेना चाहिए कि अगर हमें पाक चले जाना होता तो हम 1947 में ही चले जाते। फारूक ने कहा कि ये हमारा भारत हैं, लेकिन हमारा हिंदुस्तान गांधी का हिंदुस्तान है बीजेपी का नहीं। फारूक ने संबोधन में यह भी कहा कि वो जम्मू-कश्मीर का पुराना दर्जा बहाल होने तक नहीं मरेंगे।
जम्मू में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फारूक ने कहा कि अगर हमें पाकिस्तान ही जाना होता तो हम 1947 में ही चले गए होते। उस वक्त हमें रोकने वाला कोई भी नहीं था। लेकिन हमनें हिंदुस्तान में रहने का फैसला किया और ये हमारा देश है। हमारा देश गांधी का देश है, ना कि बीजेपी का देश। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते समय भावुक होकर फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल होने तक वह नहीं मरेंगे।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने बीजेपी पर ‘देश को गुमराह करने’ और जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख के लोगों से झूठे वादे करने के आरोप लगाए। गुप्कार गठबंधन घोषणापत्र (पीएजीडी) की शनिवार को होने वाली बैठक के पहले शेर-ए-कश्मीर भवन में नैशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं से अब्दुल्ला ने कहा, ‘अपने लोगों के अधिकार वापस लेने तक मैं नहीं मरूंगा …मैं यहां लोगों का काम करने के लिए हूं, और जिस दिन मेरा काम खत्म हो जाएगा मैं इस जहां से चला जाऊंगा।’
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू में अब्दुल्ला (84) की यह पहली राजनीतिक बैठक थी। अब्दुल्ला, अपने बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ दोपहर में यहां पहुंचे। पिछले एक साल से ज्यादा समय में वह पहली बार जम्मू आए हैं । अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू, लद्दाख और कश्मीर को एक दूसरे से अलग कर दिया जाएगा। हालात के कारण हम पीएजीडी के गठन के समय इन क्षेत्रों के लोगों को शामिल नहीं कर पाए और अब यहां आए हैं।’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए को फिर से बहाल करने तथा कानूनों को समाप्त करने के लिए दलों ने हाथ मिलाए हैं।