यूपी ब्यूरो: उत्तर प्रदेश में सरकारी बंगलों पर चल रही सियासत में नया मोड़ आ गया है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपना 4, विक्रमादित्य मार्ग का सरकारी बंगला खाली करते हुए संपत्ति विभाग को चाबी सौंप दी थी। अब बंगले में तोड़फोड़ के आरोपों पर अखिलेश ने योगी सरकार को निशाने पर लिया है। साथ ही अखिलेश ने कहा कि सरकार उन्हें टूटे-फूटे सामानों की लिस्ट मुहैया कराए, तो वह एक-एक सामान वापस कर देंगे। अखिलेश ने अफसरों को भी नसीहत दी है।
हमने बहुत से अफसरों को कप-प्लेट उठाते हुए देखा है
अखिलेश ने कहा, ‘हमारे तो आंवला और अन्य कई महंगे पेड़ उस घर में छूट गए हैं। सरकार हमें टूटे-फूटे सामान की लिस्ट दे तो हम एक-एक सामान वापस कर देंगे लेकिन जो हमारा सामान छूटा है, सरकार वह हमें वापस करे। किसी को बदनाम करने का तरीका सीखना है तो बीजेपी से सीखे। वे काफी होशियारी कर रहे हैं लेकिन भगवान और जनता सब देख रहे हैं। अधिकारी भी जान लें कि सरकारें आती और जाती हैं। हमने बहुत से अफसरों को कप-प्लेट उठाते हुए देखा है।’
रिकवरी करेगा राज्य संपत्ति विभाग
इस बीच खबर है कि राज्य सम्पत्ति विभाग सरकारी बंगले में हुई तोड़फोड़ मामले में रिकवरी करेगा। राज्य सम्पत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला का कहना है, ‘हमारे पास हर कामकाज और सामान की लिस्ट होती है। उससे मिलान किया जाएगा। अगर जानबूझकर तोड़फोड़ की गई हो नोटिस भेजा जाएगा और रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी।’
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘राज्य सम्पत्ति विभाग लिस्ट दिखाए और बताए कि उसका क्या सामान गायब हुआ है। पार्टी को बदनाम करने की नीयत से तोड़फोड़ और सामान गायब होने की बातें कही जा रही हैं।
बस मंदिर सुरक्षित
शनिवार को जब अखिलेश का सरकारी बंगला खोला गया तो अंदर का हाल देखकर सभी दंग रह गए। कभी आलीशान महल की तरह दिखने वाला यह बंगला अंदर से तहस-नहस मिला। एसी, स्विच बोर्ड, बल्ब और वायरिंग तक गायब मिले। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्विमिंग पूल और लॉन उजड़े हुए हैं। सीढ़ियां तोड़ दी गई हैं। साइकल ट्रैक भी खोद दिया गया है। बंगले में पहली मंजिल पर (जहां अखिलेश रहते थे) वहां बने सफेद संगमरमर के मंदिर के अलावा कोई हिस्सा ऐसा नहीं है, जहां तोड़फोड़ न की गई हो।