नई दिल्ली ब्यूरो: 17 सितंबर को जुमला दिवस मनाने के सवाल पर ‘युवा हल्ला बोल’ संयोजक अनुपम ने कहा कि भारी संख्या में आज देश के नौजवान मोदी सरकार के वादों को जुमला मानते हैं। सत्ता में आने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को करोड़ों रोज़गार देने का सपना दिखाया था।
सत्ता में आने के बाद बेरोज़गारी के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया से लेकर स्मार्ट सिटी जैसे कई योजनाओं की घोषणा रोज़गार देने के लिए की गई, लेकिन सब मात्र नारे और घोषणाएं तक सीमित रह गई। हर हाथ को काम देने का वादा भी जुमला साबित हुआ। इसी तरह जैसे ही पाँच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का वादा किया तो पूरी अर्थव्यस्था ही चौपट कर दी। हर नागरिक के खाते नें 15 लाख की बात को तो भाजपा ने खुलकर जुमला स्वीकार भी कर लिया था। इसलिए अब देश के युवा प्रधानमंत्री के जुमलों से त्रस्त हो गए हैं।
देश में व्याप्त भीषण बेरोज़गारी से निपटने में नाकाम मोदी सरकार के खिलाफ युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है। ताली-थाली और दिया-बाती कार्यक्रम के बाद अब एक और अनोखे ढंग से सरकार के विरोध की तैयारी हो रही है।
‘युवा हल्ला बोल’ ने देश भर के छात्रों और बेरोज़गार युवाओं से प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर को जुमला दिवस के रूप में मनाने की अपील की है। कोरोना महामारी को देखते हुए सब अपने अपने घरों से ही प्रदर्शन में हिस्सा लेकर व्यापक एकजुटता का संदेश दें।