एजेंसी: एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपना सैन्य ठिकाना बनाने के लिए जिन देशों को चुना है, उनमें पाकिस्तान भी शामिल है। इससे भारत की चिंता बढ़ सकती है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय यानि पेंटागन ने चीनी सेना की वर्तमान क्षमता और भविष्य की तैयारियों पर एक सालाना रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट पिछले हफ्ते ही जारी की गई है। पेंटागन 20 साल से चीन की सैन्य ताकत पर यह वार्षिक रिपोर्ट जारी कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन दूसरे देशों में भी अपना मजबूत सैन्य ढांचा खड़ा करना चाहता है, ताकि वह दूर रहते हुए भी जरूरत पड़ने पर अपनी सैन्य ताकत दिखा सके।
चीन अफ्रीका के छोटे-से देश जिबूती में अपना पहला विदेशी सैन्य अड्डा बना चुका है। अपनी वायुसेना, नौसेना व थल सेना की मदद के लिए अब वह कुछ अन्य देशों में सैन्य अड्डा बनाने की फिराक में है। इसके लिए चीन ने म्यांमार, थाइलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशेल्स, तंजानिया, अंगोला और तजाकिस्तान पर नजरें गड़ा रखी हैं।
वैकल्पिक रास्ते के निर्माण में जुटा चीन
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान से गुजर रहे ‘वन बेल्ट, वन रोड’ प्रोजेक्ट के तहत चीन पाइपलाइन और बंदरगाह का निर्माण भी कर रहा है। दरअसल, चीन को डर है कि मलक्का की खाड़ी जैसे रणनीतिक जलमार्गो से ऊर्जा संसाधनों की आवाजाही खतरे से खाली नहीं है। यहां कभी भी उसका रास्ता रोका जा सकता है। इसी कारण चीन वैकल्पिक रास्ते के निर्माण में जुटा है। इस प्रोजेक्ट के जरिये चीन एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश कर रहा है। जैसे कि अपनी क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत बनाना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना। रूस, पाकिस्तान और आसियान देशों की सेना के साथ भी चीन अपने रिश्ते प्रगाढ़ बना रहा है। इसके जरिये चीनी सेना अपनी काबिलियत बढ़ा रही है।