लखनऊः यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव पर लगे रिश्वत मांगने के आरोपों पर अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार के सबसे बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगना बड़ी बात है। पूरी जांच के बाद दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जिसने शिकायत की, उसी को सरकार जेल भेज रही है। रिश्वत लेना और देना दोनों ही जुर्म है। इस मामले की सीधे सीबीआई से जांच करानी चाहिए। कम से कम पूरी जांच के बाद जेल भेजते।
परीक्षा में टॉप करने वाले बच्चों को दी बधाई
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाले सभी बच्चों को बधाई दी है। अखिलेश यादव ने कहा कि जिन्होंने प्रदेश में सबसे ज्यादा नंबर प्राप्त किए हैं, उन्होंने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि मेधावी छात्रों को सम्मान मिलना चाहिए। सम्मान दिए जाने से मेधावी छात्रों के साथ और बच्चों को भी प्रेरणा मिलती है। सपा ने लैपटॉप की योजना चलाई थी, लेकिन बीजेपी ने इस योजना का विरोध किया। बीजेपी ने भी लैपटॉप देने का वादा किया, लेकिन आज तक नहीं दिया। इसीलिए हम बांट कर उन्हें याद दिला रहे हैं।
लगे है गंभीर आरोप
गौरतलब है कि सीएम योगी के कार्यालय सचिवालय में तैनात वरिष्ठ आईएएस अफसर पर गंभीर आरोप लगे हैं। अभिषेक गुप्ता नाम के शख्स ने सीएम और राज्यपाल को शिकायती ई-मेल भेजकर प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर पेट्रोल पंप की जमीन देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है।
शिकायतकर्ता को भेजा जेल
इस मामले में राज्यपाल ने सीएम योगी को 30 अप्रैल को पत्र भी लिखा और शिकायतकर्ता को परेशान करने और 25 लाख रुपए मांगने के मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मामले में प्रधान सचिव सूचना अवनीश अवस्थी का कहना है कि प्रमुख सचिव गोयल पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। इस मामले पर अब विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है।