ब्यूरो रिपोर्ट, पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते रहे हैं। अब बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसी मुद्दे को लेकर उनकी सरकार पर निशाना साध दिया है। बिहार की नीतीश सरकार पर बाढ़ को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने बाढ़ पीड़ितों की परेशानी की बात भी उठाई है। तेजस्वी यादव 31 जुलाई को पूर्वी चंपारण के बाढ़ पीड़ितों के बीच थे। वहां वे कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गए थे और पीड़ितों से बात कर उनकी समस्याओं को जाना था। वहां भी उन्होनें इन पीड़ितों को सरकारी स्तर पर कोई सुविधा और राहत नहीं दिए जाने का मामला उठाया था और कई बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक सहायता दी थी। इससे पहले वे दरभंगा और मधुबनी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी कर चुके हैं।
तेजस्वी यादव ने 1 अगस्त को ट्विट कर लिखा ‘बिहार में 14 जिलों के लाखों बाढ़ प्रभावित लोग कोरोना महामारी के बीच भूखे-प्यासे बारिश और धूप के बीच बांधों पर, सड़कों पर और खुले आसमां के नीचे रह रहे हैं। कहीं कोई सुविधा और राहत नहीं। बाढ़ इस 15 वर्षीय सुशासनी सरकार के लिए भ्रष्टाचार रूपी दुधारू गाय बन चुकी है।’ तेजस्वी यादव इन दिनों कोरोना और बाढ़ के मुद्दे पर बिहार की नीतीश नीत सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रहे हैं। खासकर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति सीधे तौर पर आक्रामक हैं और उनके ऊपर कोरोना काल में अपने आवास से बाहर नहीं निकलने के मुद्दे को हवा देते रहे हैं। हालांकि जदयू की ओर से भी लगातार पलटवार किया जाता रहा है। जदयू और बीजेपी लालू प्रसाद और उनके परिवार पर लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं। बिहार के विगत चुनावों में एनडीए द्वारा यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाता रहा है। लालू प्रसाद के जन्मदिन और राजद के स्थापना दिवस पर लालू प्रसाद और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों वाले पोस्टर पटना की सड़कों पर लगाए गए थे। अब तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उसी मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है।