ब्यूरो रिपोर्ट, रायबरेली: अपराधियों पर गदागंज पुलिस मेहरबान है। कोटेदार के हमलावर को गदागंज पुलिस नही पकड़ पा रही है। पीड़ित के परिजनों को लगातार हमलावर की तरफ से धमकियां भी मिल रही हैं लेकिन पुलिस उनको पकड़ने के बजाय संरक्षण देने में जुटी हुई है। इससे पहले भी कोटेदार को हमलावर धारदार हथियार से वारदात को अंजाम दे चुके हैं।
गदागंज थाना क्षेत्र के बरारा बुजुर्ग गांव के रहने वाले शिवशंकर जयसवाल के घर पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान है। उनके बेटे राशन वितरण करा रहे थे तभी गांव के ही 7 लोगों द्वारा कोटेदार से एक बोरी चावल लेने का दबाव बनाने लगे थे। कोटेदार ने चावल देने से मना किया तो सरहंगों ने एकजुट होकर लाठियां और धारदार हथियार से कोटेदार व उनके परिजनों पर हमला कर दिया था। जिससे प्रार्थी का बेटा प्रदीप मरणासन्न हालत में हो गया था। परिजनों ने आनन-फानन सीएचसी डलमऊ ले गए थे। हालत गंभीर होने पर चिकित्सक ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर के लिए लखनऊ रेफर किया गया था।
जिसपर परिजनों ने तहरीर गदागंज थाना प्रभारी को दी थी। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया था लेकिन सरहंगों की पहुंच खाकी से होने के चलते उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि आरोपी सरहंगों पर 307 जैसे गंभीर मामले दर्ज है। 20 दिन बीत चुके है उसके बावजूद भी पुलिस उन्हें जेल भेजने की वजह संरक्षण देने में तुली हुई है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि सरहंगों के द्वारा लगातार जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है लेकिन पुलिस कुछ करना नहीं चाह रही है।