राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के छाये संकट को सुलझाने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गाधी ने मोर्चा संभाल लिया है। इस बारे में उन्होंने राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से बात की है। उनकी शिकायतों को सुलझाने के लिए एक पर्यवेक्षक जयपुर भेजा है।
कांग्रेस के पांच नेताओं ने की सचिन पायलट से बात की
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा अहमद पटेल, पी चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति को सुझाने के लिए सचिन पायलट से बात की है और उन्हें जयपुर में पर्यवेक्षकों से बात करने के लिए कहा गया है। ज्ञात हो कि गहलोत के शक्ति प्रदर्शन के बाद ये बात सामने आई थी कि सचिन पायलट ने अपनी ओर से कुछ शर्तें रखी हैं।
इससे पहले दिन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अगर पार्टी में कोई भी परेशान है, तो उन्हें पार्टी के सदस्यों के साथ चर्चा करके इसका हल निकालना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट ने मांग की है कि वो प्रदेश अध्यक्ष का पद अपने पास रखना चाहते हैं, उनके चार समर्थक विधायकों को मंत्री बनाना चाहते हैं और वित्त-गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं। अब खुद प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस मामले में सक्रिय हुई हैं और दोनों नेताओं से बात कर रही हैं। बता दें कि इससे पहले सचिन पायलट दावा कर रहे थे कि उनके साथ 25 से अधिक विधायक हैं और वो जयपुर नहीं जाएंगे।
अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने सर्वसम्मति से अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया और भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त में लिप्त होकर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। सीएलपी ने कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार को कमजोर करने के लिए सभी अलोकतांत्रिक कृत्यों की निंदा की और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी कांग्रेस पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।