अरविन्द राय, बलिया: 6 जुलाई की रात बलिया में महिला पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। मणि मंजरी राय मनिया नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के तौर पर तैनात थीं। आत्महत्या से पहले मणि मंजरी राय ने एक नोट छोड़ दिया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह दिल्ली मुंबई से बचकर बलिया चली आई लेकिन यहां उन्हें रणनीति के तहत फंसाया गया है जिससे वह काफी दुखी हैं। लिहाजा उनके पास आत्महत्या करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है। वहीं अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में भाजपा नेता भीम गुप्ता समेत पांच के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इन पांचों के खिलाफ मणि मंजरी राय के भाई ने एफआईआर दर्ज करायी है। वहीं पीसीएस अधिकारी के मामा ने आरोप लगाया है कि अधिकारी और ठेकेदार मंजरी पर बिना काम किए पेमेंट का दबाव बना रहे थे। मणि मंजरी राय गाजीपुर जिले के थाना भावरकोल की रहने वाली थीं। उनकी 2 साल पहले ही मनिया नगर पंचायत में तैनाती हुई थी। मंजरी 2016-17 बैच की पीसीएस अफसर थीं। पुलिस का कहना है कि अधिशासी अधिकारी ने फांसी क्यों लगाई, इसकी वजह का पता नहीं चल सका है। मामले की जांच की जा रही है। मौके से साक्ष्यों को जुटाया गया है। पीसीएस अधिकारी मणि मंजरी राय के भाई विजय नंद राय ने नगर कोतवाली में तीन लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। आरोपियों में भाजपा के नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता, लिपिक विनोद और कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश, ड्राइवर एक पूर्व अधिशासी अधिकारी संजय राव शामिल हैं।
उनका आरोप है कि शासन से आए दो करोड़ रुपए को अपने फर्मों को बांटने को लेकर भीम गुप्ता महिला अधिकारी पर दबाव बना रहे थे। पीसीएफ अफसर ने इसकी शिकायत डीएम से भी की थी। प्रताड़ना से तंग आकर बहन से सुसाइड कर लिया।