पंकज पांडेय, रायबरेली : देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारी केंद्र और राज्य सरकारें लगातार प्रयास कर रही है. सौभाग्य योजना से लेकर समाधान योजना तक के माध्यम से सुरक्षित ऊर्जा आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है. मग़र उसी भारत में ही विद्युत क्षेत्र के कर्मचारी भोलीभाली जनता से ठगी कर रहे है.
जनपद रायबरेली में बिजली बिल की रीडिंग लेने वाले मीटर रीडर ग्राहकों से ठगी कर रहे है. इनकी ठगी का पूरा एक पैटर्न बना हुआ है. शुरूआत में मीटर रीडर लगभग एक साल तक ग्राहकों के मीटर की स्लो रीडिंग लेते है और फिर अचानक से जब बिजली के बिल में नार्मल बिल से दस गुना ज्यादा उछाल आ जाती है तो ग्राहकों के होश उड़ जाते है.
इसके बाद बिजली का बिल सही कराने के नाम पर मीटर रीडर और अन्य सदस्य ग्राहकों से ठगी करते है. बी 695 इंदिरा नगर निवासी अमित अमित सिंह ने बताया कि उनका बिजली का बिल औसतन 1200-1500 ₹ आता था. फिर अप्रैल और मई माह का मिलाकर बिजली का बिल 22,600 रूपये आ गया.
इस बाबत जब अमित सिंह ने मीटर रीडर राहुल सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरी कोई जिम्मेदारी न है और ये मुझसे ठीक न हो पायेगा, आप बिजली विभाग में जाकर सही कराइये. इसके बाद उपभोक्ता बिजली ऑफिस गया, जहां पर उन्हें ये बताया गया कि मीटर रीडर ने आपकी रीडिंग स्लो ली थी. वापिस जब उपभोक्ता ने मीटर रीडर को कॉल किया तो उन्होंने कहा कि मुझसे कुछ न हो सकता अब, आपसे जो बन पड़ता है, वो कीजिये.
इसके बाद उपभोक्ता ने अपने क्षेत्र के जेई को भी कॉल किया, मग़र जेई के नम्बर से किसी ने ये कहा कि ये एसपी साहब का नम्बर है. उपभोक्ता अमित सिंह की ये अकेले की समस्या नही है, इस समस्या से अन्य क्षेत्रवासी भी परेशान है .इंदिरा नगर की ही अन्य उपभोक्ता शंकुतला देवी निवासी बी 699 को भी ऐसी ही समस्या है. इसके अलावा अन्य क्षेत्रवासियों को भी ऐसी समस्याएं सामने आ रही है.