पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने कितनी घातक साजिश रची थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को हुई खूनी झड़प में न केवल 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए बल्कि 76 सैनिक घायल भी हुए हैं जिनका इलाज चल रहा है। खुशखबरी यह है कि घायल सभी सैनिक खतरे से बाहर आ गए हैं और सभी की हालत स्थिर है। देश के सैन्य सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, अभी लेह के सैन्य अस्पताल में 18 सैनिक इलाजरत हैं जबकि अन्य 58 सैनिकों का इलाज दूसरे अस्पतालों में चल रहा है। सेना पहले ही बता चुकी है कि गंभीर रूप से घायल चार सैनिकों पर से भी खतरा टल गया है और उनकी भी हालत स्थिर है।
भारतीय सेना ने गलवान घाटी के पैट्रोलिंग पॉइंट 14 पर हुई खूनी झड़प में अपने शहीद और घायल हुए सैनिकों की वास्तविक संख्या बता दी है, लेकिन चीन ने सिर्फ यह स्वीकार किया है कि उसे भी नुकसान उठाना पड़ा है। चीन ने न तो अपने मारे गए सैनिकों की और न ही घायल सैनिकों की संख्या बता रहा है जबकि घटना के चार दिन बीत गए हैं। वैसे भी खुद के भारत पर भारी होने का गुमान पाले चीन में इतनी हिम्मत कहां कि वो धोखे से हमला करने के बाद भी ज्यादा संख्या में मारे गए सैनिकों को लेकर सचाई दुनिया को बता सके।
बहरहाल, सैन्य सूत्रों ने बताया कि लेह से बाहर के अस्पतालों में भर्ती 58 सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद की जाती है कि वो सभी एक हफ्ते में ठीक हो जाएंगे। वहीं, लेह के अस्पताल में भर्ती 18 सैनिकों को ठीक होने में 15 दिनों का वक्त लग सकता है।’ सूत्रों ने कहा कि इस तरह 58 सैनिक एक हफ्ते में और बाकी 18 सैनिक 15 दिन बाद ड्यूटी पर लौट आएंगे।