UP Bureau: यूपी के बुलंदशहर में लॉकडाउन की चेकिंग के दौरान एक कांस्टेबल ने एक कार को रोका. इसमें एक ड्राइवर सहित दो लोग बैठे हुए थे. उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करने के लिए इन्हें फटकारा और फिर वॉर्निंग दे कर गाड़ी को जाने दिया. कांस्टेबल अरुण कुमार को ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि गाड़ी के अंदर बैठा शख़्स और कोई नहीं, वहां के डीएम रविंद्र कुमार थे. वो अपने एरिया की सरप्राइज़ विज़िट पर निकले थे. उनकी ड्यूटी से प्रभावित हो कर डीएम ने उन्हें काम की बधाई दी और एक प्रशंसा पत्र भी भिजवाया. साथ ही अरुण कुमार को SSP की तरफ़ से भी प्रशंसा के तौर पर 2000 रुपये मिले.
जबकि इसके ठीक उलट, कुछ समय पहले ही बिहार के अररिया में एक होमगार्ड को सिर्फ़ इसलिए उठक-बैठक और हाथ जोड़कर माफी मांगनी पड़ी क्योंकि उसने एक कृषि पदाधिकारी की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोक दिया. इसके बाद इससे भी दुखद ये था कि कार्यवाही की बजाय इस अफसर को प्रमोशन दे दिया गया.
लेकिन, मेरठ से आई तस्वीर बेहद अच्छी है. दरअसल, कोरोना को लेकर इंतजाम पुख्ता है या नहीं. इसकी जांच के लिए एक जिलाधिकारी अपनी गाड़ीसे निकले. उन्हें तब गर्व और ख़ुशी महसूस हुई जब एक कांस्टेबल ने उन्ही की गाड़ी रोक दी और सोशल डिस्टेंस न बनाने के लिए फटकारा और एक लेक्चर भी दिया. पुलिस कांस्टेबल की सक्रियता से कलेक्टर साहब खुश हुए और उनकी सराहना करते हुए एक प्रोत्साहन पत्र लिख भेजा.
मामला है मेरठ के सिकंदराबाद का, जहां कांस्टेबल अरुण कुमार ने एक कार रोकी, जिसमें ड्राईवर और पीछे दो लोग बैठे हुए. उन्हें नहीं पता था कि गाड़ी में कलेक्टर बैठे हुए हैं. कांस्टेबल ने उन्हें वैलिड पास के चलते ट्रेवल की परमिशन न होने की बात कही और तीन लोगों के गाड़ी में मौजूद होने की वजह से सोशल डिस्टेंस नियम पालन भी न करने के लिए डांट दिया. इसके बाद अरुण ने उन्हें सख्त वार्निंग देकर जाने दिया और अगली बार ऐसा करने पर फाइन लगाने की बात कही.
बाद में कांस्टेबल अरुण कुमार की मुस्तैदी से डीएम ने ख़ुश होकर एक प्रोत्साहन पत्र लिखा. बुलंदशहर के SSP संतोष कुमार ने अरुण की तारीफ की और उन्हें 2 हज़ार की नकद राशि इनाम में दी. उन्होंने कहा कि, उन्हें ये जानकार बेहद ख़ुशी हुई की किस तरह मुश्किल के समय में कांस्टेबल इतने समर्पित होकर काम कर रहे हैं.