सारंगी के सबरंग उस्ताद सुल्तान खान के संग उस्ताद सुल्तान खान सीकर घराने के भारतीय सारंगी वादक और शास्त्रीय गायक थे। वो भारतीय फ्यूजन ग्रूप तबला बीट साइंस के ज़ाकिर हुसैन और बिल लैसवेल सहित एक सदस्य थे। उन्हें वर्ष २०१० में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
सारंगी वादन के क्षेत्र में नयी जान फूंकने का श्रेय खान को ही जाता है. उनकी अपने वाद्य पर गजब की पकड़ थी लेकिन उनकी आवाज भी उतनी ही सुरीली थी. वह 11 वर्ष की आयु में ही पंडित रविशंकर के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुति दे चुके थे. यह पेशकश उन्होंने वर्ष 1974में जॉर्ज हैरीसन के ‘डार्क हॉर्स वर्ल्ड टूर’ में दी थी. खान राजस्थान के सारंगी वादकों के परिवार में जन्मे. शुरुआत में उन्होंने अपने पिता उस्ताद गुलाम खान से तालीम ली. बाद में उन्होंने इंदौर घराने के जाने माने शास्त्रीय गायक उस्ताद अमीर खां से संगीत के हुनर सीखे. खुद को सारंगी वादक के तौर पर स्थापित करने के बाद उस्ताद सुल्तान खान ने लता मंगेशकर, खय्याम, संजय लीला भंसाली जैसी फिल्म जगत की हस्तियों और पश्चिमी देशों के संगीतकारों के साथ काम किया और सारंगी के माध्यम से राजस्थान एवं भारत का नाम पूरे विश्व में स्थापित किया .
डॉ गौरव शुक्ल
विभागाध्यक्ष, संगीत विभाग जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय ,जोधपुर