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डॉक्टरों की अपील: संपादकों को लिखे पत्र में कहा, कोरोना महामारी को न दें सांप्रदायिक रंग

National Bureau, The Freedom News: देश के कई डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संगठन ने मीडिया संस्थानों और उनके संपादकों को पत्र लिखकर कोविड-19 से संबंधित रिपोर्टिंग में पत्रकारीय आचरण का पालन करने का आग्रह किया है. पत्र में मीडिया संस्थानों द्वारा संक्रमित व्यक्ति की पहचान, पेशा, धर्म और उसके लोकेशन को उजाकर करने पर चिंता जताई गई है. पत्र में कहा गया है कि मीडिया में कई ऐसी रिपोर्ट छपी और दिखाई गयी हैं जिसमें महामारी के संक्रमण को सांप्रदायिक रंग दे दिया गया.

संपादकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि हम सभी डॉक्टर, पेशेवर सार्वजनिक स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संगठन और आम लोग कोविड-19 को लेकर प्रभावित लोगों, समुदायों और स्वास्थ्यकर्मियों को दुष्प्रचार तथा नुकसान से बचाने के लिए आपकी मदद चाहते हैं.

कोविड-19 महामारी को देखते हुए ऐसे लोगों की पहचान ज़रूरी हो गई है जिनमें इस संक्रमण के फैलने की आशंका ज़्यादा है या जो संक्रमित हो गए हैं और संक्रमण को और फैलने के ख़तरे को रोकने के लिए ऐसे लोगों को अलग थलग करने और अन्य लोगों से उनके किसी भी तरह से संपर्क को रोकने की ज़रूरत है.

हालांकि, सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी को संक्रमित या संक्रमण की आशंका वाले लोगों की पूरी जानकारी की ज़रूरत होती है, पर ऐसे लोगों के नाम मीडिया में सार्वजनिक होने की वजह से इन्हें हेय दृष्टि से देखने और उन्हें या उनके परिवार को निशाना बनाने की घटनाएं घट रही हैं.

डॉक्टरों ने कहा कि यह न केवल किसी की निजता का अतिक्रमण है बल्कि संक्रमित/संक्रमण की आशंका/ऐसे लोग जिनमें संक्रमण का डर ज़्यादा है और उनके परिवार और समुदायों में वैमनस्य फैलाने वाला है. इससे लोगों में डर फैलेगा और लोग जांच के लिए सामने आने से कतराएंगे.

पत्र में कहा गया है कि इन्ही बातों को ख़याल करते हुए, ओडिशा सरकार ने एक नोटिस जारी कर प्रभावित लोगों और उसके परिवार के बारे में और ऐसे लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों या स्वास्थ्यकर्मियों के नामों का खुलासा करने पर पाबंदी लगा दी है. सरकार ने मीडिया में इस संक्रमण से प्रभावित लोगों के नाम और उनके बारे में अन्य तरह की पहचान उजागर करने पर भी पाबंदी लगा दी है.

डॉक्टर और स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संगठनों ने कहा है कि हम इस बात को जानते हैं कि मीडिया पर इस संक्रमण की भयावहता और इसके बारे में हो रही प्रगति के बारे में जनता को बताने की ज़िम्मेदारी है ताकि वे अपने समुदायों, शहरों, राज्यों और देश में इसकी स्थिति से अवगत हो सकें और भारतीय मीडिया ने इस बारे में बहुत ही अच्छी भूमिका निभाई है.

अपनी इस ज़िम्मेदारी का निर्वाह करते हुए कई मीडिया संस्थान (प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक) संक्रमित व्यक्ति की पहचान, जैसे उसका पेशा (डॉक्टर, नर्स आदि), धर्म, उनके नियोक्ता (जैसे मोहल्ला क्लीनिक) या उनके लोकेशन (जैसे उस कॉलोनी का नाम जहां वे रहते हैं) आदि का भी खुलासा कर रहे हैं.

पत्र में कहा गया है कि वैसे तो पहचान निर्धारित करने वाली इस तरह की सूचनाएं महामारी के अध्ययन की दृष्टि से उपयोगी हो सकती हैं, पर मीडिया की खबरों को पढ़ने वालों के लिए इन सूचनाओं की शायद ही कोई अहमियत होती है.

दूसरी ओर, इस तरह की सूचना से डर का माहौल बनता है और यहां तक कि लोगों को उन पर हमले और पेशा, धर्म, और रिहाइश आदि के आधार पर बदनामी का भी अंदेशा हो सकता है. हम दक्षिण कोरिया में इसका हश्र देख चुके हैं जब वहाँ के एक विशेष समुदाय के लोगों को बदनाम किया गया और उन पर हमले हुए.

संपादकों को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि मकान-मालिकों ने डॉक्टरों और नर्सों को किस तरह से परेशान किया है उससे हम सब की चिंता बढ़ गई है, प्रवासियों को उनके ही समुदाय और धर्म के लोगों ने समाज से बहिष्कृत कर दिया.

डॉक्टरों ने कहा इन सभी बातों का ख़याल करते हुए, हम मीडिया से यह आग्रह करते हैं कि वह भारतीय प्रेस परिषद और अन्य संस्थानों के नियमों के अनुरूप पत्रकारीय आचरणों का पालन करते हुए विशेषकर कोविड-19 से संबंधित रिपोर्टिंग में निम्न बातों का ध्यान रखेगी –

1- वायरस से संक्रमित, संक्रमण की आशंका वाले, उनके परिवार के सदस्यों और प्रभावितों के बारे में गोपनीयता और उनकी निजता को बनाए रखेगी.

2- धर्म, पेशा, रहने के स्थान, सामाजिक वर्ग आदि और संक्रमण की परिस्थितियों के खुलासे से बचेगी.

3- संक्रमित, संक्रमण की आशंका वाले और उनके संपर्क में आए लोगों को कोई नुक़सान नहीं हो, इस सिद्धांत को मानेगी.

अपने पत्र में डॉक्टरों ने कहा कि हम महामारी के बारे में सूचनाओं को निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर साझा करने और ज़मीनी हक़ीक़त को बताए जाने का समर्थन करते हैं पर मरीज़ों, डॉक्टरों और आम लोगों के अधिकार, उनकी निजता और गोपनीयता का सम्मान करते हैं. साथ ही हम मीडिया के साथ हमेशा मिलकर काम करने और रचनात्मक तरीक़े से कोविड-19 का मुक़ाबला करने में उसके प्रयासों का समर्थन देने के लिए तैयार हैं.

द फ्रीडम स्टॉफ
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