मध्य प्रदेश

6 KM की दूरी, कंधों पर सामान लेकर पैदल आदिवासियों के गांव पहुंचे जवान

Saurabh Arora, MP Bureau: कोरोना काल में मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पुलिस के जवान देवदूत बनकर उभरे हैं। लोगों की सुरक्षा के साथ ही सील इलाकों में लोगों तक राशन पहुंचाने का काम भी पुलिसकर्मी ही कर रहे हैं। मध्यप्रदेश की पुलिस सिर्फ शहरों तक ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी तमाम मुसीबतों को पार गांव तक खाद्य सामाग्री पहुंचा रही हैं। बैतूल जिले में पुलिस जवानों का कुछ ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें जवान अपने कंधों पर सामान रख पैदल ही गांव तक पहुंचा रहे हैं।

3,000 मीटर ऊंची पहाड़ी को पारकर आदिवासियों के गांव जाते हुए ये जाबांज जवान चोपना पुलिस चौकी में तैनात हैं। इन्हें जानकारी मिली कि पहाड़ी के उस पार गांव में रह रहे 50 आदिवासियों के पास खाने के लिए राशन नहीं है। उसके बाद चौकी के पुलिस जवानों ने करीब 200 किलो राशन इकट्ठा किया और अपने कंधों पर रख पहाड़ी को पार करते हुए भंडारपानी गांव के लिए चल दिए।

जानकारी के मुताबिक बैतूल से सौ किमी दूर स्थित 3 हजार मीटर ऊंची पहाड़ी पर आदिवासी ग्राम भण्डारपानी बसा है। लगभग 50 परिवारों के इस गांव के आदिवासियों को लॉकडाउन के दौरान खाने पीने की दिक्कत होने लगी है। आदिवासियों को राशन पहुंचाने की चोपना थाना प्रभारी ने अपनी टीम के साथ 100 किलो गेहूं, 50 किलो आटा, 50 किलो चावल, 20 किलो दाल और 20 लीटर तेल पहुंचाया।

चिलचिलाती धूप में पुलिसकर्मियों के लिए गांव तक पहुंचना आसान नहीं था। पहाड़ी की ऊबड़-खाबड़ रास्ते को पार करते हुए, जवान 2 घंटे में गांव पहुंचे। इस दौरान जवानों के कदम कभी डिगे नहीं। सभी जवान भारी भरकम सामान को कंधे पर रख गांव की ओर बढ़ते चले गए।

चोपना थाना प्रभारी गोविंद सिंह ने कहा कि थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के द्वारा भण्डारपानी गांव में आदिवासियों के लिए राशन पहुंचाया गया है। लॉकडाउन की वजह से वह बाहर नहीं निकल पा रहे थे। हमारे जवान दुर्गम पहाड़ी को पार करते हुए, गांव तक अपने कंधों पर सामान रख गांव पहुंचे। आगे भी उन लोगों को जरूरत होगी तक हम मदद करेंगे। शासन और प्रशासन के लोग उनके साथ हमेशा खड़े रहेंगे। गांव तक पहुंचने के लिए पुलिस जवानों को 6 किलोमीटर पैदल चलना पड़ना।


द फ्रीडम स्टॉफ
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