Ajay Singh, The Freedom News, Indore: देश जब कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रहा है, ऐसे में कुछ जगहों पर इन कोरोनावीरों पर हमले चिंता पैदा कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों पर पत्थरबाजी की गई।
इंदौर में कोरोना संदिग्धों की जांच करने गईं स्वास्थ्य विभाग की टीम पर एक समुदाय विशेष ने हमला कर दिया था। टीम में शामिल महिला डॉक्टर ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि कैसे उन्होंने और उनके साथ शामिल महिला डॉक्टर, एनएनएम और आशा कार्यकर्ता में भागकर अपनी जान बचाई।
उन्होंने बताया, ‘हमें पॉजिटिव कॉन्टेक्ट की हिस्ट्री मिली थी, इसलिए हम वहां गए थे। हम लोगों ने जैसे ही पूछताछ शुरू की, उन लोगों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। मेरे साथ डॉक्टर जाकिया भी थीं।
हमारे साथ एएनएम और आशा कार्यकर्ता भी थीं। साथ में तहसीलदार भी थे।’ उन्होंने कहा कि यह तो अच्छा था कि हमारे साथ में पुलिस फोर्स थी। हम बचकर आ गए, वरन बच नहीं सकते थे।
बिहार के मधुबनी में भी ऐसा ही देखा गया। इंदौर में भीड़ से जान बचाकर भागी महिला डॉक्टर ने जो आपबीती बताई है, वह डराने वाली है।उन्होंने कहा कि अगर पुलिस साथ न होती, तो उनका बचना भी नामुमिकन था।
भीड़ के हमले में बाल-बाल बचीं डॉक्टर अभी तक खौफ में हैं। बंद शहर में घर से निकल सफाई में जुटे इंदौर का एक सफाई कर्मी भी भीड़ के इस रुख से हैरान है।
उसका सवाल था- आखिर हमारा कसूर क्या है? कुछ इसी तरह की रूह कंपा देने वाली घटना बेंगलुरु की उस आशा वर्कर ने भी बताई जो, भीड़ के हमले में बाल-बाल बचीं।