मध्य प्रदेश

18 साल सफर के बाद सिंधिया ने छोड़ी कांग्रेस लेकिन BJP में पहचान खो सकते हैं ज्‍योतिरादित्‍य

देश का दिल कहे जाने वाले मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गंभीर संकट में घिर गई है। कांग्रेस के दिग्‍गज नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया। ज्‍योतिरादित्‍य ने भले ही कांग्रेस से इस्‍तीफा देकर भगवा पार्टी का दामन थाम लिया हो लेकिन बीजेपी में उनकी राह आसान नहीं होने जा रही है। 

ज्‍योतिरादित्‍य ने करीब 18 साल तक कांग्रेस पार्टी में शामिल रहने के बाद आज अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया। उन्‍होंने कहा कि मैं कांग्रेस में रहते हुए लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा था। सिंधिया ने कहा कि मैं कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहा था, इसलिए अब नई शुरुआत करने जा रहा हूं। रोचक बात यह है कि ज्‍योतिरादित्‍य ने नौ मार्च को ही यह इस्‍तीफा दे दिया था और आज उन्‍होंने इसका ऐलान किया है।

बताया जा रहा है कि ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया आज बीजेपी में शामिल होंगे और उन्‍हें राज्‍यसभा का टिकट दिया जाएगा। सिंधिया बुधवार को राज्‍यसभा के लिए नामांकन करेंगे। कहा जा रहा है कि ज्‍योतिरादित्‍य को केंद्र सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है। हालांकि कुछ सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि उन्‍हें सिंधिया को राज्‍य में डेप्‍युटी सीएम बनाया जा सकता है। हालांकि विश्‍लेषकों का मानना है कि मध्‍य प्रदेश बीजेपी में सिंधिया की राह आसान नहीं होने जा रही है।

बताया जा रहा है कि ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया आज बीजेपी में शामिल होंगे और उन्‍हें राज्‍यसभा का टिकट दिया जाएगा। सिंधिया बुधवार को राज्‍यसभा के लिए नामांकन करेंगे। कहा जा रहा है कि ज्‍योतिरादित्‍य को केंद्र सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है। हालांकि कुछ सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि उन्‍हें सिंधिया को राज्‍य में डेप्‍युटी सीएम बनाया जा सकता है। हालांकि विश्‍लेषकों का मानना है कि मध्‍य प्रदेश बीजेपी में सिंधिया की राह आसान नहीं होने जा रही है।

विश्‍लेषकों के मुताबिक अब तक कांग्रेस पार्टी में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले ज्‍योतिरादित्‍य बीजेपी में शामिल होकर अपनी पहचान खो सकते हैं। उन्‍हें अपनी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया की तरह से बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्‍व की बात माननी होगी। ज्‍योतिरादित्‍य के ग्‍वालियर क्षेत्र के 18 विधायक हैं और ये सभी विधायक बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़कर जीते हैं। अब आगामी चुनाव में बीजेपी को इन सिंधिया समर्थक विधायकों को टिकट देना होगा जो आसान नहीं होने जा रहा है।

उन्‍होंने कहा कि मध्‍य प्रदेश बीजेपी नेताओं का एक समुंदर है जहां ज्‍योतिरादित्‍य को कोई अहम जिम्‍मेदारी मिलने की संभावना बेहद कम है। ऐसे में सिंधिया के लिए केंद्र सरकार में मंत्री पद और राज्‍यसभा सदस्‍यता लेना सबसे अच्‍छा विकल्‍प होगा। उनके समर्थकों को मध्‍य प्रदेश की बीजेपी सरकार में मंत्री पद दिया जा सकता है। विश्‍लेषकों के मुताबिक ज्‍योतिरादित्‍य की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी से विधायक हैं लेकिन पार्टी में उनकी खास अहमियत नहीं है।

कहा जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्‍व के कहने पर भले ही मध्‍य प्रदेश बीजेपी ज्‍योतिरादित्‍य को स्‍वीकार कर ले लेकिन भगवा पार्टी के नेता मध्‍य प्रदेश में लंबे समय तक सिंधिया को चलने देंगे, इसमें संदेह है। नरेंद्र तोमर, जयभान सिंह पवैया, अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा, बीडी शर्मा, अरविंद भदौरिया, नरोत्‍तम मिश्रा ये सभी ग्‍वालियर क्षेत्र से ही बीजेपी के नेता हैं और सिंधिया के विरोधी माने जाते हैं।



द फ्रीडम स्टॉफ
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