The Freedom News, Gujarat: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। विरोध के दौरान जगह-जगह से कई हिंसक घटनाओं की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। मीडिया इन तस्वीरों का इस्तेमाल प्रदर्शन को कमज़ोर करने के लिए कर रहा है।
मीडिया लोगों को ये तस्वीरें दिखा कर ये नैरेटिव सेट कर रहा है कि नागरिकता कानून का विरोध उपद्रवी कर रहे हैं। बीते कल अहमदाबाद में प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा की तस्वीरें भी मीडिया द्वारा इसी तरह दिखाई गईं। लगभग तमाम न्यूज़ चैनलों ने अहमदाबाद में भड़की हिंसा का एक वीडियो दिखाया। जिसमें पुलिसकर्मियों पर कुछ लोग पत्थर बरसाते दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो को दिखाकर प्रदर्शन पर कई तरह के सवाल उठाए गए। लेकिन शायद आपको ये नहीं पता होगा कि न्यूज़ चैनलों द्वारा इस वीडियो के साथ क्या खेल किया गया। चैनलों ने पत्थरबाज़ी का ये वीडियो पूरा नहीं दिखाया। चैनलों ने वीडियो का वह पार्ट नहीं दिखाया, जिसमें प्रदर्शन कर रहे कुछ नौजवान पुलिसकर्मियों को पत्थरों से बचाते दिखाई दे रहे हैं। वह अपनी जान की परवाह किए बग़ैर हाथों में तिरंगा लिए पुलिस वालों की मदद करते नज़र आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पत्थरबाज़ी का पूरा वीडियो सामने आने के बाद अब न्यूज़18 ने इसे चलाया है और पुलिस को बचाने वाले नौजवानों की तारीफ़ की है। लेकिन यहां सवाल ये है कि क्या पहले न्यूज़ चैनलों के पास इसका पूरा वीडियो नहीं था? हालांकि यहां नहीं होने का सवाल नहीं उठता, क्योंकि कल से ही ये पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बावजूद चैनलों ने अधूरा वीडियो चलाया। जो चैनल की मंशा पर सवाल खड़े करता है।