The Freedom News, Lucknow, Delhi: नागरिकता संशोधन ऐक्ट के खिलाफ शुक्रवार को भी देश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन जारी रहा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। यहां उपद्रवी भीड़ ने वाहन में आग लगा दी और दिल्ली गेट इलाके में पथराव किया। वहीं, उत्तर प्रदेश में कानपुर समेत कई जिलों में प्रदर्शन के दौरान बवाल के चलते 6 लोगों की मौत हो गई। प्रदेश में सभी स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय को एहतियातन शनिवार को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। वहीं, मध्य प्रदेश के जबलपुर में हिंसक प्रदर्शन के कारण चार थाना इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया।
एमपी की राजधानी में एहतियात के तौर पर सात घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई। देश भर में सीएए को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक विडियो संदेश जारी कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने नागरिकता कानून को भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि प्रस्तावित एनआरसी के कारण नोटबंदी की तरह एक बार फिर लोगों को अपनी एवं अपने पूर्वजों की नागरिकता साबित करने के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।
सोनिया का केंद्र सरकार पर निशाना
सोनिया ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में लोगों को सरकार के गलत निर्णयों और नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार है। सरकार का यह कर्तव्य होता है कि वह लोगों की आवाज एवं उनकी चिंताओं पर ध्यान दे लेकिन बीजेपी सरकार लोगों की आवाज का निरादर कर रही है और बल प्रयोग करके उसे दबाने का प्रयास कर रही है।
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी गरीबों के खिलाफ
सोनिया के अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार शाम इंडिया गेट पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच पहुंचीं और प्रदर्शन को अपना समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी गरीबों के खिलाफ है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब तबके पर होगा। प्रोटेस्टर्स से मिलने पहुंची गांधी ने यह भी कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। दिल्ली के जामा मस्जिद में प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर की भी मौजूदगी रही। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि जब तक केंद्र सरकार ऐक्ट को वापस नहीं लेती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
हिंसक प्रदर्शनों में 6 लोगों की जान गई
इधर, नागरिकता ऐक्ट को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शनों में 6 लोगों की जान चली गई। प्रदेश के कानपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, गोरखपुर और मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों में प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। कानपुर में उपद्रवियों के पथराव के चलते पुलिस को उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा। मुजफ्फरपुर में भी पथराव और आगजनी की खबर है। बिजनौर में प्रदर्शनकारियों से संघर्ष के दौरान एक पुलिसकर्मी को गोली लग गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कानपुर के बाबूपुरवा के बगाही और मछरिया क्षेत्र से भी प्रदर्शन और आगजनी की ख़बरें सामने आईं। यहां प्रदर्शन के दौरान 13 लोग घायल हुए, जिनमें से 9 लोगों को गोली लगी है। घायलों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। फिरोजाबाद में भी पथराव और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। यहां उपद्रवियों ने पुलिस चौकी फूंकने की कोशिश की। इसके अलावा अयोध्या, बहराइच, सीतापुर, शामली, अलीगढ़, बुलंदशहर, वाराणसी, भदोही और गोरखपुर में भी हिंसक प्रदर्शन की खबरें सामने आईं।
गाजियाबाद, लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगी रही। हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर यूपी में जूनियर हाई स्कूल के टीचर्स की नियुक्ति के लिए रविवार को होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी ) को स्थगित कर दिया गया। वहीं, शनिवार को यूपी के सभी स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया गया है।