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राम मंदिर के निर्माण का फैसला देश निर्माण का फैसला है- पीएम मोदी

The Freedom News, Delhi: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का इतिहास है। कुछ लोगों की इच्छा था कि रोजाना सुनवाई हो, वैसा हुआ। आज फैसला आया है। दशकों चली न्याय प्रक्रिया का समापन हुआ है। अब हमें आगे ही आगे बढ़ते जाना है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, अब देश के हर नागरिक पर देश निर्माण का दायित्व बढ़ गया है। पीएम ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आज के दिन ही बर्लिन की दीवार गिराकर दो विचारधाराएं एक रास्ते पर आ गईं थीं। उन्होंने साथ ही कहा कि आज ही के दिन करतारपुर कॉरिडोर का भी उद्घाटन हुआ। पीएम ने देश के लोगों से कहा अब हर नागरिक पर न्यू इंडिया के निर्माण की जिम्मेदारी बढ़ गई है।

करीब 11 मिनट के अपने संबोधन में पीएम ने कहा, पूरी दुनिया मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है। फैसला आने के बाद जिस तरह हर वर्ग, हर समुदाय, हर पंथ और पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वह भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को दिखाता है।

पीएम ने कहा, ‘भारत जिसके लिए जाना जाता है, और हम गर्व से उल्लेख भी करते हैं, वह है ‘विविधता में एकता’। विविधता में एकता का मंत्र अपने पूर्णता के साथ खिला हुआ नजर आता है। हजारों साल बाद भी किसी को ‘विविधता में एकता’ भारत के इस प्राण तत्व को समझना हो तो वह आज के दिन का जरूर उल्लेख करेगा। यह घटना इतिहास के पन्नों से उठाई हुई नहीं है। सवा सौकरोड़ लोग खुद इतिहास रच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का दिन स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना और बहुत धैर्य से सुना। पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि यह फैसला सर्वसम्मति से आया है। एक नागरिक के नाते हम सब जानते हैं कि परिवार में छोटा मसला सुलझाने के लिए भी दिक्कत होती है, ये कार्य सरल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छा शक्ति के दर्शन कराए हैं। देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्याय प्रणाली आज विशेष रूप से अभिनंदन के अधिकारी हैं।

द फ्रीडम स्टॉफ
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