यूपी ब्यूरो से आशुतोष गुप्त: बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने चेतावनी दी है कि यदि विहिप को अधिग्रहीत परिसर में दीपोत्सव मनाने की इजाजत मिली तो मुस्लिम भी अधिग्रहीत परिसर में नमाज पढऩे पर विचार करेगा। इसके लिए परिसर के रिसीवर मंडलायुक्त से इजाजत की मांग करेगा। वे टेढ़ीबाजार स्थित अपने आवास पर मीडिया से मुखातिब थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद अदालत में विचाराधीन है और ऐसे में विवादित स्थल पर दीपोत्सव मनाने की मांग से विहिप की गैरजिम्मेदारी और अदालत की तौहीन करने की भावना उजागर हुई है। इससे पूर्व विवाद की सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई को लेकर हाजी महबूब की अध्यक्षता में मुस्लिमों की बैठक की गई। बैठक में मुस्लिमों के करीब छह दर्जन नुमाइंदे शामिल हुए। इनमें मौलाना जलाल अशरफ, मौलाना ओवैस कादरी, नन्हे मियां, आजम मियां आदि प्रमुख थे।
बैठक में सर्वसम्मत से तय किया गया कि सुप्रीमकोर्ट के निर्णय को दूसरा पक्ष माने या न माने पर मुस्लिम इसे पूरी तरह से स्वीकार करेगा। इस दौरान हाजी ने मौजूदा हालात पर चर्चा की और कहा, आप लोग परेशान न हों, प्रशासन पूरी तरह से सजग और सख्त है। ऐसे में किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका नहीं है। एक सवाल के जवाब में बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने कहा, शनिवार को मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने जो एलान किया, हम उसके साथ हैं। उन्होंने अयोध्या विवाद पर राय देने वाले मुस्लिम बुद्धिजीवियों पर तंज भी कसा। कहा, इतने लंबे विवाद में ऐसे बुद्धिजीवी अब कहां से आ गए, समझ से परे है और उनकी राय का कोई मतलब नहीं है।