अयोध्या: रामजन्मभूमि के बाद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का अगला मिशन काशी-मथुरा की मुक्ति होगी। शनिवार की दोपहर यहां पहुंचे डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने उम्मीद जताई कि आगामी 15 नवंबर तक राम जन्मभूमि विवाद का फैसला आ जाएगा। उन्होंने कहा कि आस्था का जिक्र संविधान में किया गया है। हिंदू पक्ष की यह आस्था है कि बीच वाले गुंबद का जो हिस्सा है, वहीं रामलला का जन्म हुआ था। पूजा करना हमारा मूलभूत अधिकार है, जबकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आस्था के आधार पर मुकदमा नहीं लड़ रहा है। बोर्ड ये नहीं कह रहा है कि वो मस्जिद को दोबारा बनाना चाहते हैं। वे कह रहे हैं कि ये जमीन बाबर की है, जबकि मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई, जो शिया था। वहीं उन्होंने पीओके के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि उसके चार टुकड़े करना ही उसका इलाज है।
अर्थव्यवस्था के सवाल पर उन्होंने कहाकि अभी मंदी है नहीं, लेकिन हम उस ओर बढ़ रहे हैं। डॉ. स्वामी ने कहा कि मौजूदा वित्तमंत्री हैं तो परिपक्व नेता, लेकिन अर्थशास्त्र उनकी पढ़ाई का हिस्सा नहीं रहा है। इसीलिए उन्हें अर्थशास्त्र का ज्ञान नहीं है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेसियों को निशाने पर भी लिया। अपने जन्मदिन के मौके पर दो दिनी दौरे पर आए डॉ. सुब्रमण्यम सर्किट हाउस में पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई कर रही पीठ के पांचों न्यायधीश विद्वान हैं। इसलिए जो फैसला आएगा, वो निष्पक्ष होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा हिंदुओं के पवित्र और पूज्यनीय स्थल हैं। इसलिए इन दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा। बता दें, रविवार को सुब्रमण्यम स्वामी रामनगरी अयोध्या में अपना 80वां जन्मदिन मनाएंगे। उनका रामनगरी अयोध्या में दो दिन का प्रवास है।