अमेठी से आशुतोष गुप्त: लोकसभा चुनाव में हार के बाद बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपने पहले दौरे पर अमेठी पहुंचे। लखनऊ एयरपोर्ट से होते हुए सड़क के रास्ते गौरीगंज के चौक स्थित कांग्रेसी नेता स्व. डॉ गंगा प्रसाद गुप्ता के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने उनके आवास पहुंचे। यहां उन्होंने परिवारीजनों से मुलाकात की। इसके बाद राहुल का काफिला निर्मला शैक्षिक संस्थान में पहुंचा है। यहां राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में शामिल कार्यकर्ताओं के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा कि वह अमेठी नहीं छोड़ेंगे। वह लगातार यहां आते रहेंगे। इसके साथ ही प्रियंका वाड्रा भी यहां आएंगी। कार्यकर्ताओं से कहा कि वह हार से निराशा न हो। क्षेत्र में जाकर पार्टी को मजबूत करें।
बता दें, आज का दिन अमेठी की सियासत में काफी अहम रहा। बदले हुए हालात में राहुल गांधी अमेठी में जनता के सामने आए तो बहुत कुछ तस्वीर साफ हुई। अमेठी की सियासत किस करवट बैठेगी। अमेठी को लेकर पिछले पांच सालों से राहुल व स्मृति के बीच जारी सियासी लड़ाई का रुख क्या होगा इसके बारे में अभी कहना थोड़ा मुश्किल होगा।वैसे तो अमेठी से गांधी-नेहरू परिवार का बहुत पुराना नाता है।
191 बार आये अमेठी
पंचायत चुनाव के साथ नगरीय निकाय के चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा पर कांग्रेस ने कभी इसकी ईमानदारी से समीक्षा नहीं की। तीन जिलों (अमेठी, रायबरेली व सुलतानपुर) में फैले संसदीय क्षेत्र की अपनी-अपनी समस्याएं हैं और सियायत के रंग। जिन्हें भरने के लिए कांग्रेस के लोगों की माने तो राहुल गांधी बीते डेढ़ दशक में 191 बार अमेठी आये हैं। लंबे अंतराल के बाद पहली बार राहुल 2002 में अपनी बहन प्रियंका के साथ यहां आये थे। उसके बाद तो सांसद के रूप में उनका आना-जाना बना ही रहता था।