मैनपुरी लूट-दुष्कर्म कांड में छीछालेदार के बाद पुलिस महकमा अब आरोपितों की तलाश में ताकत झोंक रहा है। आइजी आगरा घटना की जानकारी होने के बाद शनिवार रात में ही मौके पर पहुंच गए थे। पीडि़त पति को मारपीट कर हवालात में बंद करने के आरोपित एसओ बिछवां और उनके दो हमराह सिपाहियों को निलंबित कर दिया। बदमाशों की तलाश को पांच टीमें लगाई गई हैं, हालांकि घटना के करीब 48 घंटे बाद भी कोई ठोस सुराग हासिल नहीं हो सका था। इस सबके बीच पीडि़ता भी पुलिस पर पूरा भरोसा नहीं जता रही है। मेडकिल रिपोर्ट को लेकर पुलिस के दावे को महिला ने रविवार को मामला दबाने की साजिश बताया। पुलिस और डॉक्टरों पर मिलीभगत के आरोप भी लगाए।
मामले में लगातार हो रही किरकिरी से बचने के लिए पुलिस जल्द से जल्द बदमाशों को पकडऩा चाहती है। आइजी आगरा ए. सतीश गणेश ने शनिवार देर शाम घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद एटा व मैनपुरी पुलिस के साथ संयुक्त बैठक की है। रविवार सुबह फिर मैनपुरी पुलिस लाइन में बैठक कर सख्त निर्देश दिए। जल्द से जल्द घटना का राजफाश करने को कहा। पीडि़त को हवालात में डालने के मामले में थानाध्यक्ष बिछवां राजेश पाल सिंह को एसपी मैनपुरी अजय शंकर राय ने शनिवार को लाइन हाजिर कर दिया था। रविवार को आइजी के आदेश के बाद थानाध्यक्ष और उनके हमराह सिपाही कृष्णवीर सोलंकी व छत्रपति ङ्क्षसह को निलंबत कर दिया गया।
पुलिस का दावा है कि बदमाशों की तलाश को व्यापक कोशिशें हो रही हैं। सर्विलांस के जरिए पीडि़त महिला के उस बयान की भी पुष्टि हो गई है, जिसमें महिला ने बदमाशों द्वारा उसे एटा के पास छोडऩे का दावा किया था। परंतु बदमाशों की तलाश के मामले में अब तक नतीजा सिफर ही है।
इस बीच मामले की पीडि़ता रविवार को सपा के स्थानीय विधायकों के साथ एसपी से मिलने पहुंची। महिला ने प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि न होने के पुलिस के दावे पर नाराजगी जताई। पुलिस व डॉक्टरों के बीच साठ-गांठ होने की भी बात कही। मामले में पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है। जांच में कुछ सुराग मिले है, उन्हीं पर आगे बढ़ा जा रहा है। जल्द सफलता मिलेगी।