रायबरेली से सुशांत त्रिपाठी: डलमऊ के प्राचीन राजा के किले और नहर क्षेत्र को (NGT) नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर पर्यटकों के लिए विकसित किया जाएगा। इस जमीन पर जैव विविधता पार्क बनेगा। जैव विविधता पार्क के निर्माण को लेकर शनिवार को डीएफओ ने निरीक्षण किया। इस दौरान मौके पर संबंधित लेखपालों को बुलाकर भूमि की पड़ताल की। लेखपालों से चिह्न्ति भूमि के प्रस्ताव व अभिलेख दो दिन में बनाकर देने के निर्देश दिए। नगर पंचायत अध्यक्ष बृजेश दत्त गौड़ ने बताया कि डलमऊ दालभ्य ऋषि की तपस्थली है। डलमऊ का इतिहास द्वापर युग से मिलता है। यहां पर्यटन की अनेक संभावनाएं हैं। वन विभाग राजा डलदेव के किले को विकसित करने के लिए, जो भी सहयोग चाहेगा नगर पंचायत मदद के लिए तत्पर हैं।
योजना का खाका
DFO तुलसीदास शर्मा ने बताया कि किले के नीचे बह रहे नाले के पार पड़ी भूमि पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। पंप कैनाल से लेकर नहर के पूरे क्षेत्र को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया जाएगा। जिससे पर्यटक आकर डलमऊ में मां गंगा के स्वरूप को देखें। पुरानी नहर को वेट लैंड के रूप में विकसित किया जाएगा। जिससे यहां विदेशी पक्षियों का कलरव गूंजे।