ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र से अपनी तल्खी जाहिर की है। ममता ने पीएम को चिट्ठी लिखकर कहा है कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय अधिकार और राज्य की योजनाओं को समर्थन देने का अधिकार नहीं है, इसलिए उनका इस बैठक में आना बेकार है। इससे पहले वह पीएम के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुई थीं।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के शुरू होने के साथ ही बीजेपी और टीएमसी के बीच तल्खी देखने को मिली। चुनावों के बीच यह तल्खी और बढ़ी। प्रदेश में लगातार हिंसा को लेकर जहां दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया, वहीं ‘जय श्रीराम’ और ‘जय बांग्ला’ जैसे नारों पर भी तकरार दिखा। इस बीच बीजेपी की तरफ से ममता बनर्जी को जय श्रीराम लिखे हजारों पोस्टकार्ड भी भेजे गए हैं।
केंद्र के खिलाफ मोर्चा
उधर, ममता बनर्जी ने भी अब केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को ममता बनर्जी ने नीति पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि वह नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगी। चिट्ठी में ममता ने लिखा, ‘नीति आयोग के पास कोई वित्तीय अधिकार और राज्य की योजनाओं को समर्थन देने का अधिकार नहीं है, इसलिए मेरा बैठक में आना बेकार है।’