नतीजे आने के दो दिन पहले देश की राजधानी में बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसने सुर्खियाँ बटोरी। एनडीए और यूपीए ने अपने-अपने तरीके से शक्ति प्रदर्शन करने के लिए देश की राजधानी में इकट्ठा हुए।
एक तरफ जहां एनडीए और बीजेपी प्रमुख अमित शाह ने अपने घटक दलों के लिए डिनर पार्टी रखी थी, जिसमें उनके 36 साथी शामिल हुए। वहीँ दूसरी तरफ पूरा चुनाव खत्म हो जाने के बाद विपक्ष दल ‘चुनाव आयोग’ पहुंचा हुआ था। जिसमें राज्य के कई मुख्यमंत्री पहुंचे जिनमें गहलोत से लेकर चंद्रबाबू नायडू और अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे।
करीब करीब सभी विपक्षी दल चुनाव आयोग से शिकायत करने गए थे। अब कल जब नतीजे आने वाले है, ऐसे में हर तरफ से सिर्फ ईवीएम से जुड़े कई वीडियो सामने आने लगी हैं।
मगर नतीजों से ठीक पहले ऐसा हुआ है, जिसे खुलकर तो नहीं मगर दबी जुबान बात होने लगी है। नतीजों से पहले दो बड़ी खबरी आई जिनमें एक है अखिलेश और उनके पिता मुलायम सिंह यादव को आय से अधिक मामले में क्लीनचिट मिलना और दूसरी खबर है अनिल अंबानी का कांग्रेस पर से मानहानि का केस वापस ले लेना का।
इतना सब कुछ वो भी लोकसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले। ये कोई आम बात नहीं है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जिस राफेल का ज़िक्र सबसे ज्यादा कांग्रेस ने किया और चौकीदार चोर है नारा दिया उन्हें ही अनिल अंबानी ने माफ़ कर दिया! क्या अंबानी का कांग्रेस पर किये केस को माफ़ करना संकेत है या फिर कुछ और ? इसका जवाब तो अंबानी ही दे पायेंगें।।
मगर इन दो फैसलों ने चुनावी नतीजों की कुछ कुछ तस्वीर तो साफ़ कर दी है। अब लोकसभा चुनाव नतीजों का इंतजार क्रिकेट मैच के आखिरी ओवर की तरह किया जा रहा है। जिसमें हर एक बॉल महत्वपुर्ण है चाहे उसपर चौका पड़े या छक्का या फिर क्लीन बोल्ड।