नई दिल्ली: सपा का सबसे सुरक्षित रणक्षेत्र मानी जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर दावेदारी की पहेली में सब उलझे हैं। अकेल सपा ही नहीं विरोधी दल भी बेचैन हैं। फिर चाहे वह सपा से बगावत करने वाले शिवपाल की पार्टी प्रसपा हो, भाजपा हो या फिर कांग्रेस। मुलायम सिंह के फिर से यहां मैदान में उतरने की चर्चाओं के बाद सांसद तेज प्रताप के भविष्य को लेकर अटकलें लग रही हैं। चुनाव लडऩे की सूरत में मुलायम कहां का रुख करेंगे, इसका जवाब भी कोई नहीं तलाश पा रहा।
आठ लोकसभा चुनावों से सपा का वर्चस्व बना
मैनपुरी लोकसभा सीट पर बीते आठ लोकसभा चुनावों से सपा का वर्चस्व बना हुआ है। मुलायम सिंह यहां के सबसे बड़े सियासी खिलाड़ी माने जाते हैं। वर्ष 1996 में मुलायम सिंह ने पहली बार यहां से सांसद का चुनाव जीता था, इसके बाद से सपा कभी नहीं हारी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद मुलायम सिंह ने साढ़े तीन लाख से अधिक वोट के अंतर से रिकार्ड जीत हासिल की थी। हालांकि बाद में यह सीट छोड़ दी, जिसके बाद उपचुनाव में उनके पौत्र तेज प्रताप यादव को उतारा गया और वह भी जीते। अब सपा- बसपा गठबंधन होने के बाद सीट पर सपा अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है। कुछ माह पूर्व यहां से पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव को चुनाव लड़ाने को लेकर पार्टी में मंथन हुआ था। इसके बाद से उनके चुनाव लडऩे की बात कही जा रही है।
तेज प्रताप कहां जाएंगे
हालांकि मुलायम सिंह के यहां आने की सूरत में तेज प्रताप को पार्टी कहां से लड़ाएगी, इस पर कोई विकल्प अब तक सामने नहीं आया है। हालांकि पार्टी के कुछ लोग उनको जौनपुर सीट से लड़ाने की बात कह रही है। हालांकि ज्यादातर नेता तेज प्रताप के ही दोबारा मैनपुरी से लडऩे की बात कह रहे हैं। बहरहाल पार्टी इस पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। पार्टी नेता हाईकमान द्वारा फैसला लिए जाने की बात कह रहे हैं।
मुलायम की दावेदारी से इंकार नहीं
शिवपाल यादव लगातार कह रहे हैं कि मैनपुरी से यदि मुलायम सिंह लड़ेंगे तो वह अपना प्रत्याशी नहीं उतारेंगे। वहीं पिछले दिनों एक प्रसपा नेता ने खुद को मुलायम सिंह का फोन आने और उनके द्वारा मैनपुरी से चुनाव लडऩे की बात कहे जाने का दावा किया था। सपा भी मुलायम की दावेदारी की बात से खुलकर इंकार नहीं कर रही है।