नई दिल्ली: भारत ने आतंकी देश पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए एक और बड़ा फैसला किया है। अब सिंधु जल संधि के तहत भारत के हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोक दिया जाएगा। इस पानी का उपयोग पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए होगा। अब तक भारत दरियादिली दिखाते हुए इस पानी को पाकिस्तान की ओर बहने देता था।
पानी पाकिस्तान जाने से रोकने का निर्णय
केंद्रीय जल संसाधन एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि सरकार ने हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने का निर्णय किया है। इसके तहत पूर्वी नदियों- रावी, ब्यास और सतलज का पानी डायवर्ट किया जाएगा। इन तीनों नदियों पर बने प्रोजेक्ट्स की मदद से पाकिस्तान को दिए जा रहे पानी को अब पंजाब और जम्मू-कश्मीर की नदियों में प्रवाहित किया जाएगा।
गडकरी ने बताया कि इसके लिए जम्मू-कश्मीर के शाहपुर-कांडी में रावी नदी पर एक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा एक अन्य प्रोजेक्ट की मदद से जम्मू-कश्मीर में रावी नदी का पानी स्टोर किया जाएगा और इस डैम का अतिरिक्त पानी अन्य राज्यों में प्रवाहित किया जाएगा।
यमुना के पानी में भी वृद्धि हो सकेगी
इससे पहले मंगलवार को बागपत के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा था, ‘बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान को तीन-तीन नदियों के पानी के इस्तेमाल की अनुमति मिली थी। इस समझौते के बावजूद भारत के कोटे में आईं तीन नदियों का पानी अब तक पाकिस्तान में प्रवाहित हो रहा था। अब हमने इन तीनों नदियों पर प्रोजेक्ट्स का निर्माण कराया है, जिनकी मदद से अब पानी रोका जाएगा। यह काम शुरू होने के बाद यमुना के पानी में भी वृद्धि हो सकेगी।
सिंधु जल समझौता बाधा
पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने के लिए सिंधु जल समझौता बाधा बन सकता है। क्योंकि भारत के अधिकारी में आने वाली तीन नदियों का पानी सिंधु जल समझौते के तहत रोका नहीं जा सकता। पहले हुए भारत पाक युद्धों के दौरान भी यह समझौता प्रभावी रहा था।